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created May 20th 2022, 03:38 by Successwithyou
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दाण्डिक अपील संबंधित मामला संंक्षेप में यह है कि घटना दिनांक 06.10.2010 को फरियादी मुन्नालाल अपने वाहन स्कूटर से जिला अस्पताल की ओर जा रहा था। अस्पताल के समीप पीछे से आरोपी के द्वारा अपना वाहन टाटा मैजिक को तेेजी एवं उतावले ढंग से चलाकर फरियादी को दुर्घटनाग्रस्त किया। दुर्घटना के कारण फरियादी को गम्भीर उपहति कारित हुई। घटना के संबंध में पुलिस थाना कोतवाली में प्रथम सूचना रिपोर्ट लेखबद्ध कराई गई। जहां पर अपराध क्रमांक 398/2010 में आपराधिक मामला पंजीबद्ध किया गया। अनुसंधान कार्य पूर्ण होने के उपरांत विचारण न्यायालय के समक्ष अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया। विचारण न्याायालयने आरोपी पर भारतीय दण्ड संहिता की धारा 279, 338 के अंतर्गत आरोप लगाकर विचारण किया। उभयपक्ष को साक्ष्य प्रस्तुति का अवसर दिये जाने के पश्चात् आलोच्य निर्णय पारित करते हुए अपीलार्थी को अवसर दिये जाने के पश्चात् आलोच्य निर्णय पारित करते हुए अपीलार्थी को दोषसिद्ध करके उपरोक्तानुसार दण्डादेश पारित किया है। आलोच्य निर्णय एवं दण्डाादेश को अपीलार्थी के द्वारा इन आधारों पर चुनौती दी गई है कि आलोच्य निर्णय विधि के द्वारा स्थापित सिद्धांतों एवं प्राकृतिक न्याय सिद्धांत के विपरीत होकर अपास्त किये जाने योग्य है। अपीलार्थी के द्वारा लापरवाहीपूर्वक अथवा तेजी से वाहन चलाये जाने के तथ्य अभियोजन साक्ष्य से साबित नहीं है। अनुसंधान कार्य विधिवत् नहीं किया गया है। आहत को साधारण उपहति कारित हुई है। दुर्घटना कारित करने में अपीलार्थी की कोई भूमिका नहीं है। अभियोजन पक्ष की ओर से प्रस्तुत साक्षीगण के कथन विरोधाभासी होकर अविश्वसनीय एवं अप्रमाणित है। इसके बावजूद भी विचारण न्यायालय ने अपीलाथी्र को दोषी ठहराते हुए गम्भीर वैधानिक त्रुटि कारित की है। घटना के समय अपीलार्थी की आयु 27 वर्ष रही है। प्रकरण 7 वर्षों से लंबित रहा है। इन समस्त तथ्यों पर विचारण न्यायालय ने विचार नहीं किया। अत: आलोच्य निर्णय एवं दण्डादेश अपास्त करते हुए अपीलार्थी ने अपील स्वीकार करते हुए स्वयं को दोषमुक्त करने का निवेदन किया है। विद्वान अपर लोक अभियोजक ने अपील में उल्लेखित आधारों को सारहीन एवं तर्कहीन होना बताया। विचारण न्यायालय ने अभिलेख पर प्रस्तुत की गई साक्ष्य का विधिवत् विश्लेषण करते हुए विधिपूर्ण निर्णय पारित किया है। अत: अपील निरस्त की जाकर आलोच्य निर्णय एवं दण्डादेश की पुष्टि करने का निवेदन किया है।
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