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साँई कम्प्यूटर टायपिंग इंस्टीट्यूट गुलाबरा छिन्दवाड़ा म0प्र0 संचालक:- लकी श्रीवात्री मो0नां. 9098909565
created May 20th 2022, 03:18 by sandhya shrivatri
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ब्लैक होल के प्रति वैज्ञानिको के मंत्रमुग्ध होने की मुख्य वजह समय और स्थान के ताने-बाने पर इनका इतना नियंत्रण है कि लगता है जैसे समय घुटनों के बल चल रहा है और द्रव्य का घूर्णन ऐसे बिन्दु की ओर हो रहा है, जहां से वापसी का मार्ग नहीं है। ब्लैक होल समय के साथ खेलते हैं, यह तथ्य इंस्टीट्यूट फॉर एडवांस्ड स्टडी, प्रिंसटन, न्यू जर्सी (यूएस) में पोस्टडॉक्टोरल फैलो लिया मेडियरोस और उनकी टीम की कल्पना पर जैसा छा गया हो। इस टीम ने ही हमारी आकाशगंगा के केंद्र में स्थित विशालकाय ब्लैक होल के चारों ओर घूर्णन कर रहे द्रव्य की तस्वीर लेने के लिए आठ टेलीस्कोप का चक्रव्यूह रचा था। लिया जब हाई स्कूल की छात्रा थी, तब पहली बार जाना था क ब्लैक होल समय के साथ खिलवाड़ करते है। तभी से लिया ने तय कर लिया था कि वह ब्लैक होल के बारे में अध्ययन करेंगी। विशालकाय ब्लैक होल के पास न केवल समय की गति धीमी पड़ जाती है, बल्कि इसके भीतर समय व स्थान एक-दूसरे की जगह ले लेते है। ब्लैक होल के बारे में जिज्ञाया वैज्ञानिकों को ब्रह्मांड को अधिक निकट से समझने व इसके बाकी रहस्यों को जानने की ओर प्रवत्त करेगी। ब्लैक होल की तस्वीरें लेने वाले महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट का नाम है- इवेंट हॉराइजन टेलीस्कोप। इसका मतलब है सीमा पार जितना हो सके निकट जाना, क्योंकि सीमा के पार तो प्रकाश भी ब्लैक होल की गुरूत्वाकर्षण शक्ति से नहीं बच सकता। ब्लैक होल की तस्वीरें लेने के लिए दुनिया के अलग-अलग कोनों में आठ टेलीस्कोप लगाए गए है। 2019 में इसी टीम ने एम87 नामक एक गैलेक्सी के केंद्र में और भी विशालकाय ब्लैक होल के चारों और घूर्णन कर रहे ऐसे ही प्रकाशमान द्रव्य का पता लगाया था। दोनों ही तस्वीर 300 से ज्यादा वैज्ञानिकों की कई साल की मेहनत का परिणाम है। हमारी अपनी अकाशगंगा के ब्लैक होल ने ज्यादा बड़ी चुनौती सामने खड़ी कर दी है। ब्लैक होल का द्रव्यमान 40 लाख सूर्य के बराबर होता है। नजर आए छल्ले जैसे आकार का पदार्थ अंतरिक्ष के अपेक्षाकृत काफी कम क्षेत्र में घूमता है, जो बुध ग्रह की कक्षा से भी छोटा है। इसकी दूरी 27 हजार प्रकाश वर्ष है और यह गैस व धूलकणों की धुंध से घिरा है। इसकी फोटो लेने के लिए एक खास वेवलैंथ की जरूरत होती है। चालीस लाख सूर्य के समान द्रव्यमान वाला यह ब्लैक होल कुदरत का करिश्मा नहीं है। लेकिन यह भी कोई नहीं बता सकता कि ये ब्लैक होल कब और कैसे बना। क्या यह सैजिटेरियस ए नामक ब्लैक होल अपने भीतर 40 लाख तारों को निगल कर इतना विशालकाय बना या यह ब्रह्माण्ड के मौलिक पदार्थ के किसी पिंड से बना है? या शायद ऐसा होता हो कि ब्लैक होल और आकाशगंगाएं साथ-साथ बनती हों।
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