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district court matter 2021

created Dec 13th 2021, 03:40 by AbhayParmar1


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पूरी दुनिया में जब कोविड का डेल्‍टा संक्रमण फैला तो इसकी मारक क्षमता से घबराकर वैज्ञानिकों ने बूस्‍टर डोज पर ट्रायल शुरू किया और कई देशों ने मिक्‍स एंड मैच वैक्‍सीन के बूस्‍टर डोज का ट्रायल किया। नतीजा चौंकाने वाला पाया गया है। अब तकलगभग 6 से 7 ऐसी स्‍टडी पब्लिश हो चुकी है, जहां एक प्रकार की वैक्‍सयीन के दाेनों डोज के बाद बूस्‍टर में भी वही लेने वालों में औसतन 4 से 12 पर्सेंट एंटीबॉडी में इजाफा हुआ। वहीं, जिन लोगों ने बूस्‍टर डोज के रूप में तीसरा डोज बाकी दोनों डोज वाले वैक्‍सीन से अलग लिया, उनमें एंटीबॉडी औसन28 से 32 पर्सेंट तक बढ़ोतरी हुई। यानी मिक्‍स मैच बूस्‍टर से औसतन एक तिहाई इम्‍यूनिटी ओर बढ़ने का सबूत पाया गया। जहां डेल्‍टा म्‍यूटेशन की सीवियरिटी के डर से दुनिया ने बूस्‍टर डोज पर ट्रायल किया और इसे अपनाना शुरू किया, वहीं भारत में ओमिक्रॉन म्‍यूटेशन की इंट्री के बाद बूस्‍टर डोज पर चर्चा शुरू हुई है। हालांकि, ओमिक्रॉन म्‍यूटेशन में डेल्टा की तरह क्षमता तो नहीं है, लेकिन इसमें डेल्टा से कहीं अधिक तेजी से संक्रमण फैलाने की ताकत जरूर हे। इस वजह से देश में भी बूस्‍टर डोज पर ट्रायल शुरू होनेेपर बातें हो रही हैं। इस बीच यूके में आई एक स्‍टडी ने सबका ध्‍यान आकर्षित किया है, जिसमें मिक्‍स एंड मैच वैक्‍सीन के बूस्‍टर डोज से ज्‍यादा एंटीबॉडी पाई गई है।  
     लेंसेट में छपी स्‍टडी को लेकर कोविड एक्‍सपर्ट डॉ. अंशुमान कुमार ने कहा ि‍कि इस पर 6 से 9 स्‍टडी हो चुकी है, लेकिन लेंसेट ने अपनी इस रिपोर्ट में बताया है कि मिक्‍स एंड मैच बूस्‍टर डोज ज्‍यादा व्‍यापक असरदार रहा है। स्‍टडी में लगभग 2878 लोग शमिल थे और इसी साल जून में इन्‍होंने बैक्‍सीन ली थी। जिन लोगों को ट्रायल के दौरान मिक्‍स एंड मैच बूस्‍टर डोज दी गई, उनमें ज्‍यादा एंटीबासॅडी का स्‍तर मिला। इसके बाद अब अमेरिका में भी इस पर स्‍टडी चल हरी है।   

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