eng
competition

Text Practice Mode

बंसोड कम्‍प्‍यूटर टायपिंग इन्‍स्‍टीट्यूट मेन रोड़ गुलाबरा छिन्‍दवाड़ा प्रवेश प्रारंभ मो0नं0 8982805777

created Sep 16th 2021, 01:38 by SARITA WAXER


0


Rating

420 words
26 completed
00:00
एक गांव में दो मित्र नकुल और सोहन रहते थे। नकुल बहुत धार्मिक था और भगवान को बहुत मानता था। जबकि सोहन बहुत मेहनती था। एक बार दोनों ने मिलकर एक बीघा जमीन खरीदी। जिससे वह बहुत फसल ऊगा कर अपना घर बनाना चाहते थे। सोहन तो खेत में बहुत मेहनत करता लेकिन नकुल कुछ काम नहीं करता बल्कि मंदिर में जाकर भगवान से अच्‍छी फसल के लिए प्रार्थना करता था। इसी तरह समय बीतता गया। कुछ समय बाद खेत की फसल पक कर तैयार हो गयी। जिसको दोनों ने बाजार ले जाकर बेच दिया और उनको अच्‍छा पैसा मिला। घर आकर सोहन ने नकुल को कहा की इस धन का ज्‍यादा हिस्‍सा मुझे मिलेगा क्‍योंकि मैंने खेत में ज्‍यादा मेहनत की है। यह बात सुनकर नकुल बोला नहीं धन का तुमसे ज्‍यादा हिस्‍सा मुझे मिलना चाहिए क्‍योंकि मैंने भगवान से इसकी प्रार्थना की तभी हमको अच्‍छी फ़सल हुई। भगवान के बिना कुछ संभव नहीं है। जब वह दोनों इस बात को आपस में नहीं सुलझा सके तो धन के बटवारे के लिए दोनों गांव के मुखिया के पास पहुंचे। मुखिया ने दोनों की सारी बात सुनकर उन दोनों को एक–एक बोरा चावल का दिया जिसमें कंकड़ मिले हुए थे। मुखिया ने कहा की कल सुबह तक तुम दोनों को इसमें से चावल और कंकड़ अलग करके लाने है तब में निर्णय करूँगा की इस धन का ज्‍यादा हिस्‍सा किसको मिलना चाहिए। दोनों चावल की बोरी लेकर अपने घर चले गए। सोहन ने रात भर  जागकर चावल और कंकड़ को अलग किया। लेकिन नकुल चावल की बोरी को लेकर मंदिर में गया और भगवान से चावल में से कंकड़ अलग करने की प्रार्थना की।  
अगले दिन सुबह सोहन जितने चावल और कंकड़ अलग कर सका उसको ले जाकर मुखिया के पास गया। जिसे देखकर मुखिया खुश हुआ। नकुल वैसी की वैसी बोरी को ले जाकर मुखिया के पास गया। मुखिया ने नकुल को कहा की दिखाओ तुमने कितने चावल साफ किये है। नकुल ने कहा की मुझे भगवान पर पूरा भरोसा है की सारे चावल साफ हो गए होंगे। जब बोरी को खोला गया तो चावल और कंकड़ वैसे के वैसे ही थे। जमींदार ने नकुल को कहा की भगवान भी तभी सहायता करते है जब तुम मेहनत करते हो। जमींदार ने धन का ज्‍यादा हिस्‍सा सोहन को दिया। इसके बाद नकुल भी सोहन की तरह खेत में मेहनत करने लगा और अबकी बार उनकी फसल पहले से भी अच्‍छी हुई। हमें कभी भी भगवान के भरोसे नहीं बैठना चाहिए। हमें सफलता प्राप्‍त करने के लिए मेहनत करनी चाहिए।
 

saving score / loading statistics ...