Text Practice Mode
सॉंई कम्प्यूटर टायपिंग इंस्टीट्यूट गुलाबरा छिन्दवाड़ा म0प्र0 सीपीसीटी न्यू बैच प्रारंभ संचालक:- लकी श्रीवात्री मो0नं. 9098909565
created Sep 13th 2021, 12:08 by puneet nagotiya
3
219 words
15 completed
0
Rating visible after 3 or more votes
saving score / loading statistics ...
00:00
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद व स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविड-19 महामारी से मौत के मामलों में मृत्यु प्रमाणपत्र (डेथ सर्टिफिकेट) के लिए दिशानिर्देश जारी कर दिया है। दिशानिर्देश के अुनसार मेडिकल जांच में कोविड-19 की पुष्टि होने के 30 दिन के भीतर मौत होने पर उसे कोरोना से मौत माना जाएगा, भले ही मौत अस्पताल से बाहर ही क्यों न हुई हो। आइसीएमआर से ने अपने अध्ययन में पाया है कि 95 फीसदी मामलों में कोविड-19 पॉजिटिव आने के 25 दिनों के भीतर मौत हुई है। इस मामले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट कोई फैसला सुना सकता है।
सरकार ने शनिवार को शीर्ष अदालत में दायर हलफनामे में बताया, रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया ने 3 सिंतबर को इस बाबत सर्कुलर जारी किया है कि मृतक के परिजनों को मेडिकल सर्टिफिकेट जारी किए जाएं, जिसमें मौत का कारण स्पष्ट लिखा हो। यह हलफनामा सुप्रीम कोर्ट के 30 जून को आदेश की पालना में दायर किया गया है। तब अदालत ने सरकार को फटकार लगाई थी और मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करने की प्रक्रिया को सरल और स्पष्ट करने का निर्देश दिया था। इसके साथ ही राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण एनडीएमए को कोविड से मरने वालों के परिजनों को मुआवजा देने के लिए छह हफ्ते के भीतर गाइडलांइस तैयार करने को कहा गया था।
सरकार ने शनिवार को शीर्ष अदालत में दायर हलफनामे में बताया, रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया ने 3 सिंतबर को इस बाबत सर्कुलर जारी किया है कि मृतक के परिजनों को मेडिकल सर्टिफिकेट जारी किए जाएं, जिसमें मौत का कारण स्पष्ट लिखा हो। यह हलफनामा सुप्रीम कोर्ट के 30 जून को आदेश की पालना में दायर किया गया है। तब अदालत ने सरकार को फटकार लगाई थी और मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करने की प्रक्रिया को सरल और स्पष्ट करने का निर्देश दिया था। इसके साथ ही राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण एनडीएमए को कोविड से मरने वालों के परिजनों को मुआवजा देने के लिए छह हफ्ते के भीतर गाइडलांइस तैयार करने को कहा गया था।
