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जूनियर असिस्टेंट टाईपिंग

created Jul 24th 2021, 01:42 by AjitKumarVerma6287


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प्रकृति ने अपना कहर दिखाना शुरु कर दिया है। जहाँ पहुत साल पहले समय से मानसून जाता था। वही आजकल मानसून लगता है एक दो महीने आगे शिफ्ट होता जा रहा है। इसका मूल वजह है ग्लोबल वार्मिंग। जहाँ ग्लोबल वार्मिंग ने अपने देश को बहुत नुकसान पहुंचाया है, वहीं दूसरीं और कोविड ने देश की आर्थिक गति और मेडिकल हेल्थ को बहुत नुकसान पहुँचाया है। कई लोगो ने इस पेन्डेमिक में अपनी जान गवा दी। और कई अपनी जान गवाएंगे। लोग कोरोना को हल्के में ले रहे हैं। फिलहाल ग्बोवल वार्मिंग की वजह से दुनिया में भी बहुत सारे बदलाव आए। जहाँ कनाड़ा में हीट वेव से कई लोगों की मौत हो गयी। वही दूसरी ओर जर्मनी में बाढ़ से कई लोगों ने मृत्यु के गाल में शमा गये। कोरोना के जन्मदाता चीन भी इससे अछूता नहीं रहा। चीन में भी भारी बारिश की वजह से उसके कई शहर तबाह हो गए है। और कई लोगों की मौत हुई है। हालांकि चीन में जो कुछ हो रहा है। उससे कई लोगों को खुशी जरूर हुई है। पर हमें भूलना नहीं चाहिए कि प्रकृति के साथ मजा लेगे और प्रकृति को बर्बाद करेंगे तो प्रकृति भी ठीक वैसा ही करेंगी। जहाँ चीन कोरोना महामारी अपने लैब में बनाया और कई सालों से वो इस काम में लगा हुआ था। वो इसको युद्ध में इस्तेमाल करना चाहता था। जैसे अगर मान लेते हैं कि भारत और चीन में युद्ध हुआ तो वह इस वायरस का इस्तेमाल करके बिना युद्ध लड़े ही अपने शत्रु देश को परास्त कर सकता है। हालांकि लीक करने की वजह समझ में नहीं आयी। लेकिन इसके पीछे चीन का गहरा इन्टेंशन हो सकता है। जैसे अपने व्यापार को बढ़ावा देना और अपनी ताकत को बढाना। चीन आए दिन किसी किसी देश को धमकी देता रहता है। उसके पड़ोसी देश हमेंशा उससे परेशान रहते हैं। चाहे बात जापान की हो या फिलिपींस की या ताईवान की ताईवान को तो चीन अपना हिस्सा मानता है। लेकिन ताईवान चीन को अपना हिस्सा मानता है। ताईवान एक लोकतांत्रिक देश है और चीन आए दिन उसको परेशान करता रहता है। चीन 2030 तक ताईवान पर आक्रमण कर सकता है। अगर पूरी दुनिया ताईवान को सपोर्ट ना किया तो ये एक भयानक भूल होगी जैसे यूएसए ने अफगानिस्तान में किया है। चीन साम्राज्यवादी विचार का देश है। और वो मानकर चलता है कि उसको हर देश का कोई ना कोई हिस्सा लेना है। भारत को भी अपनी नितियों में भारी बदलाव करने की जरूरत है। अगर बारत ऐसा नहीं करता है। तो भारत अपनी बहुत सारी जमीन फिर खो देगा।  

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