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बंसोड टायपिंग इन्‍स्‍टीट्यूट शॉप नं. 42 आनंद हॉस्टिपटल के सामने, संचालक- सचिन बंसोड मो.नं.

created Jan 25th 2021, 05:21 by shilpa ghorke


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अनेक देशों में टीकाकरण अभियान जोर पकड़ चुका है, जिसे लेकर खुशी और कौतूहल का माहौल है। साथ ही, लोग बेसब्री से यह भी जानना चाहते हैं कि टीके कितने कारगर हैं? इंतजार कर रहे लोगों के लिए खुशखबरी है कि टीके के प्रभाव के बारे में शुरुआती संकेत मिलने लगे हैं। इजरायल में शोधकर्ताओं ने प्रारंभिक आंकड़ों का अध्‍ययन करके बताया है कि टीका लेने वालों के संक्रमित होने की आशंका टीका लेने वालों की तुलना में एक तिहाई कम है। पहली खुराक के बाद के ये शुरुआती संकेत आशा जगा रहे हैं। जब व्‍यापक रूप से आंकड़े आएंगे, तब ज्‍यादा बेहतर ढंग से पता चलेगा कि टीकों की समग्र गुणवत्‍ता कैसी है। टीकों को और विकसित करने के लिए पुख्‍ता आंकड़ों का होना जरूरी है। वैक्‍सीन की मात्रा, प्रभावशीलता और पुनर्संक्रमण का अध्‍ययन बहुत जरूरी है। यह गौर करने की बात है कि इजरायल और संयुक्‍त अरब अमीरात टीकाकरण में दुनिया का नेतृत्‍व कर रहे हैं। दोनों देशों ने अपनी आबादी के लगभग एक चौथाई का टीकाकरण कर लिया है। ब्रिटेन में भी पिछले सप्‍ताह ही 40 लाख से अधिक लोगों का टीकाकरण हो चुका है। अभी यह ध्‍यान रखने की बात है कि जिन लोगों का टीकाकरण पहले हो रहा है, उनमें से ज्‍यादातर स्‍वास्‍थ्‍यकर्मी और वृद्ध या बीमार लोग हैं। ये सभी ज्‍यादा जोखिम वाले लोग हैं। ऐसे लोगों के आंकड़ों के अलावा आम स्‍वस्‍थ लोगों के आंकड़ों का अध्‍ययन ज्‍यादा काम आएगा। इजरायल में शोधकर्ताओं को यह संकेत मिला है कि फाइजर बायोएनटेक द्वारा विकसित टीके की दो खुराक से संक्रमण को रोका जा सकता है या टीका प्राप्‍त लोगों में संक्रमण की अवधि को कम किया जा सकता है। टीका पाने वाले दो लाख लोगों की तुलना टीका पाने वाले दो लाख लोगों से की गई है। पहला टीका पाने के दो सप्‍ताह बाद कोरोना संक्रमण की आशंका 33 प्रतिशत कम पाई गई है। इसका कतई यह मतलब नहीं कि टीका 33 प्रतिशत ही कारगर है। तेल अवीव में इजरायल के सबसे बड़े स्‍वास्‍थ्‍य सेवा प्रदाता क्‍लैटिट हेल्‍थ सर्विसेज के महामारी विशेषज्ञ रैन बॉलर कहते हैं, हम इस प्रारंभिक परिणाम को देखकर खुश हैं। वह उम्‍मीद करते हैं कि टीके की दूसरी खुराक के बाद अधिक निर्णायक परिणाम मिलेंगे। मतलब, पहली खुराक के दो सप्‍ताह बाद ही जब सकारात्‍मक परिणाम मिलने लगे हैं, तब पूरी संभावना है कि दो खुराक के बाद टीका 90 प्रतिशत से ज्‍यादा प्रभावशीलता हासिल कर लेगा। गौर करने की बात है, जो टीके इस्‍तेमाल किए जा रहे हैं, उनको क्लिनिकल ट्रायल में पहले ही 90 प्रतिशत तक कारगर पाया गया है। बहरहाल, टीका पाने के बाद भी लोग संक्रमण के वाहक बनेंगे या नहीं, यह जानने में अभी वक्त लगेगा, लेकिन यह संकेत तो साफ है कि टीका लोगों को सुरक्षा कवच प्रदान करने लगा है।

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