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बंसोड टायपिंग इन्‍स्‍टीट्यूट गुलाबरा छिन्‍दवाड़ा म0प्र0

created Jan 9th 2021, 01:55 by bansodtyping


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कोरोना के नए स्‍ट्रेन से उपजा तनाव अभी कम नहीं हुआ है, लेकिन ब्रिटेन-भारत के बीच हवाई सेवा फिर शुरू कर दी गई है। ब्रिटेन में मिले कोरोना वायरस के नए स्‍ट्रेन के बाद 23 दिसंबर को वहां से हवाई सेवाओं को रोक दिया गया था। रोक की मीयाद 5 जनवरी को खत्‍म होने के बाद अब सेवाओं का सामान्‍य होना लाजिमी है, लेकिन क्‍या हम यह खतरा लेने के लिए तैयार हैं? अब तक के आंकड़ों को अगर देखें, तो देश में कोरोना के नए स्‍ट्रेन वाले कुल 73 मरीज मिल चुके हैं। आने वाले दिनों में ऐसे मरीजों की संख्‍या बढ़ने की पूरी आशंका है। हर हफ्ते ब्रिटेन और भारत के बीच कुल 30 जहाज उड़ान भरेंगे। 15 भारत से और 15 ब्रिटेन से। सरकार ने जो तय किया है, उसके अनुसार 23 जनवरी तक ऐसा चलेगा। उसके बाद स्थितियों का जायजा लिया जाएगा और सेवाओं में विस्‍तार को मंजूरी मिलेगी। दिल्‍ली एयरपोर्ट ने ब्रिटेन से आने वाले यात्रियों को भारत में उतरने और फिर यहां से अपने शहर के लिए कनेक्टिंग फ्लाइट लेने के बीच 10 घंटे का अंतराल रखने को कहा है। क्‍या 10 घंटे के अंदर कोरोना की पुख्‍ता रिपोर्ट सकती है? यह ठीक है कि भारत पहुंचने वाले यात्रियों से ही कोविड जांच की कीमत वसूली जाएगी, लेकिन अगर उन्‍हें 10 घंटे के बाद अपने शहर जाने की इजाजत होगी, तो फिर 72 घंटे के भीतर कोविड-19 टेस्‍ट की नेगेटिव रिपोर्ट लाने का क्‍या मतलब है? जब यात्रियों को दिल्‍ली एयरपोर्ट से घर जाने दिया जाएगा, तब क्‍या वे अन्‍य लोगों या यात्रियों के संपर्क में नहीं आएंगे? घर या अपने गंतव्‍य पर पहुंचने के बाद 14 दिन क्‍वारंटीन  रहने के लिए पाबंद किया गया है, लेकिन क्‍या इसकी पालना पूरी तरह से हो रही है? हमने नए स्‍ट्रेन के मामले में भी अनेक लोगों को चेतावनी और आग्रह के बावजूद जांच से छिपते-भागते देखा है। दूसरों के जीवन को खतरे में डालते देखा है। क्‍या ब्रिटेन से आने वालों को दिल्‍ली में ही कहीं क्‍वारंटीन नहीं किया जा सकता? दूसरी बात, ब्रिटेन को अपने स्‍तर पर भी लोगों को जांच के बाद ही भारत या किसी अन्‍य देश के लिए रवाना करना चाहिए। दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री ने मांग रखी थी कि हवाई सेवाओं पर रोक 31 जनवरी तक बढ़ा दें, पर लगता है, सरकार जोखिम उठाने की मुद्रा में है। यह कहने में कोई हर्ज नहीं कि हम यात्राओं के मोर्चे पर कोरोना के प्रति नरमी बरत रहे हैं। जहां एक ओर रेल और बस सेवाओं को सामान्‍य नहीं किया जा रहा है, तो वहीं हवाई सेवाओं का सामान्‍य होने की ओर बढ़ना बहसतलब है। ज्‍यादा खतरा बाहर से है, यह हम देख चुके हैं।  

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