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साँई टायपिंग इंस्‍टीट्यूट गुलाबरा छिन्‍दवाड़ा (म0प्र0) संचालक:- लकी श्रीवात्री मो0नां. 9098909565

created Jul 24th 2020, 14:36 by lucky shrivatri


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महाभारत युद्ध में अपने पिता द्रोणाचार्य के धोखे से मारे जाने पर अश्‍वत्‍थामा बहुत क्रोधित हो गए। उन्‍होंने पांडव सेना पर एक बहुत ही भयानक अस्‍त्र नारायण अस्‍त्र छोड़  दिया। इसका कोई भी प्रतिकार नहीं कर सकता था। य‍ह जिन लोगों के हाथ में हथियार हो और लड़ने के लिए कोशिश करता दिखे उस पर अग्नि बरसाता था और तुरंत नष्‍ट कर देता था। भगवान श्री कृष्‍ण जी सेना को अपने-अपने अस्‍त्र-शस्‍त्र छोड़कर, चुपचाप हाथ जोड़कर खड़े रहने का आदेश दिया। और कहा मन में युद्ध करने का विचार भी लाएं, यह उन्‍हें भी पहचान कर नष्‍ट कर देता है। नारायण अस्‍त्र धीरे-धीरे अपना समय समाप्‍त होने पर शांत हो गया। इस तरह पांडव सेना की रक्षा हो गई। इस कथा प्रसंग का औचित्‍य समझे। हर जगह लड़ाई सफल नहीं होती। प्रकृति के प्रकोप से बचने के लिए हमें भी कुछ समय के लिए सारे काम छोड़कर, चुपचाप हाथ जोड़कर, मन में सुविचार रख कर, एक जगह ठहर जाना चाहिए। तभी हम इसके कहर से बचे रह पाएंगे। कोरोना भी अपनी समयावधि पूरी करके शांत हो जाएगा। जो भी हो, लॉकडाउन से परेशानियां है जो अपरिहार्य है, लेकिन इसने कुछ ज्ञानवर्धक एंव दिलचस्‍प अनुभव भी दिए है। अनजाने में सीखी इन अच्‍छी आदतों को और अनुभवों को जीवन का अंग बना लीजिए।  
सकारात्‍मक सोच हमारे शरीर में सकारात्‍मक ऊर्जा का संचार करती है। इससे हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। जिससे मनुष्‍य बड़ी से बड़ी बीमारी से लड़कर बाहर निकल आया है, फिर कोरोना क्‍या चीज है। हम इससे भी जीत जाएंगे, बस हमें कुछ नियमों का ही तो पालन करना है। सामाजिक दूरी बनाए रखना है, अपने आपको साफ सुथरा रखना है, हाथों को बार-बार साबुन से धोना है। इस महामारी के समय में धैर्य से काम लें। ये बीमारी किसी जाति धर्म को देखे बगैर सबको हो रही है। अत: आपसी सौहार्द बनाए रखें एवं अपने देश दुनिया को इस महामारी से निपटने में मदद करें। लॉकडाउन में सरकार की मदद करें। घर में रहें, सुरक्षित रहें, सकारात्‍मक सोच के साथ जीवन जिएं।  

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