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BUDDHA ACADEMY TIKAMGARH (MP) || ☺ || ༺•|✤ कौन रोएगा आपकी मृत्यू पर अध्याय 2 ✤|•༻
created May 13th 2020, 16:08 by akash khare
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अपनी मृत्यु-शैय्या पर एैलड्स हक्सले ने अपने पूरे जीवन की शिक्षा पर अपने विचार व्यक्त किये और उसका सार सिर्फ इन शब्दों में दिया, ''हमें एक दूसरे के लिए दया भाव रखना चाहिए।'' बहुत बार हम सोचते हैं कि परिपूर्ण जीवन जीने के लिए हमें कुछ महान कार्य या शानदार अभियान करना चाहिए जो हमारा नाम अखबारों और पत्रिकाओं के मुख्य पृष्ठ पर ला सके। सत्य से बढ़कर कुछ भी नहीं है। एक अर्थपूर्ण जीवन प्रतिदिन के शालीन और दयालु कार्यों का समन्वय होता है जो कि धीरे-धीरे एकत्रित होकर जीवन धारा को महान बना देते हैं।
हर एक व्यक्ति जिसमें आप जीवन में मिलते हैं वह या तो अपको कोई सीख देता है और उसकी अपनी कोई कहानी होती है। हर वह इन्सान जिसमें हम अपने दिन के क्षणों में मिलते हैं, वह हमें अपनी भावनओं और आदर को प्रचुर मात्रा में प्रकट करने का अवसर प्रदान करता है जो कि हमारी मानवता को परिभाषित करता है। क्यों नहीं आप अपने व्यक्तित्व को खोए बिना पूरा दिन ऐसा कार्य करते हुए बिताएं जो आपके आस-पास की दुनिया को सुशोभित कर सके? मेरे अनुसार अगर आप एक दिन में एक भी इन्सान के चेहरे पर मुस्कान ला सकें या किसी अजनबी के मन को प्रोत्साहित कर सकें तो आपका जीवन एक उपयोगी जीवन है। सरल भाषा में हम कह सकते हैं कि दयाभाव वह किराया है जो हमें इस ग्रह पर रहने के लिए किराए स्वरूप देना चाहिए।
अपनी दयालुता को अजनबियों पर प्रकट करने के लिए आपको अधिक सृजनात्मक होने की आवश्यकता है। आपके पीछे वाली कार की चुंगी का भुगतान अदा करना, पगडन्डी पर चलने वाले किसी असहाय को अपनी जगह दान कर देना और दूसरों से पहले उनका अभिवादन करना जैसे कई बढि़या तरीके हैं जिनसे शुरुआत की जा सकती है। हाल ही में 'दि मंक हू सोल्ड हिज फरारी' की एक पाठिका ने मुझे वाशिंगटन स्टेट से एक पत्र लिखा। उसने लिखा था, ' मेरा उसूल है कि मै अपनी कमाई का दसवां हिस्सा उन लोगों के साथ बांटती हूं जिन्होंने मेरे अध्यात्मिक पथ पर मेरी मदद की है। कृपया 100 डॉलर के इस चेक को मेरी शुभकामनाओं और आर्शीवाद के साथ स्वीकार करें।'' मैंने तुरन्त उनकी उदारता के बदले में अपने एक कार्यक्रम का ऑडियो टेप उत्तर स्वरूप भेज दिया जिससे उनहें अपनी भेजी हुई भेंट का उपयुक्त मूल्य प्राप्त हो जाए। उनकी यह भावना दयालुता और निष्कपट स्वभाव की महत्ता की शिक्षा देती है।
हर एक व्यक्ति जिसमें आप जीवन में मिलते हैं वह या तो अपको कोई सीख देता है और उसकी अपनी कोई कहानी होती है। हर वह इन्सान जिसमें हम अपने दिन के क्षणों में मिलते हैं, वह हमें अपनी भावनओं और आदर को प्रचुर मात्रा में प्रकट करने का अवसर प्रदान करता है जो कि हमारी मानवता को परिभाषित करता है। क्यों नहीं आप अपने व्यक्तित्व को खोए बिना पूरा दिन ऐसा कार्य करते हुए बिताएं जो आपके आस-पास की दुनिया को सुशोभित कर सके? मेरे अनुसार अगर आप एक दिन में एक भी इन्सान के चेहरे पर मुस्कान ला सकें या किसी अजनबी के मन को प्रोत्साहित कर सकें तो आपका जीवन एक उपयोगी जीवन है। सरल भाषा में हम कह सकते हैं कि दयाभाव वह किराया है जो हमें इस ग्रह पर रहने के लिए किराए स्वरूप देना चाहिए।
अपनी दयालुता को अजनबियों पर प्रकट करने के लिए आपको अधिक सृजनात्मक होने की आवश्यकता है। आपके पीछे वाली कार की चुंगी का भुगतान अदा करना, पगडन्डी पर चलने वाले किसी असहाय को अपनी जगह दान कर देना और दूसरों से पहले उनका अभिवादन करना जैसे कई बढि़या तरीके हैं जिनसे शुरुआत की जा सकती है। हाल ही में 'दि मंक हू सोल्ड हिज फरारी' की एक पाठिका ने मुझे वाशिंगटन स्टेट से एक पत्र लिखा। उसने लिखा था, ' मेरा उसूल है कि मै अपनी कमाई का दसवां हिस्सा उन लोगों के साथ बांटती हूं जिन्होंने मेरे अध्यात्मिक पथ पर मेरी मदद की है। कृपया 100 डॉलर के इस चेक को मेरी शुभकामनाओं और आर्शीवाद के साथ स्वीकार करें।'' मैंने तुरन्त उनकी उदारता के बदले में अपने एक कार्यक्रम का ऑडियो टेप उत्तर स्वरूप भेज दिया जिससे उनहें अपनी भेजी हुई भेंट का उपयुक्त मूल्य प्राप्त हो जाए। उनकी यह भावना दयालुता और निष्कपट स्वभाव की महत्ता की शिक्षा देती है।
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