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BUDDHA ACADEMY TIKAMGARH (MP) || ☺ || ༺•|✤आपकी सफलता हमारा ध्येय✤|•༻
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एक जंगल में ढेर सारे गधे रहते थे। सभी गधे आपस में काफी मिल जुल कर रहा करते थे। और समय-समय पर एक दूसरे की मदद भी करते थे परंतु उन सब गधों के बीच एक घोंचू नाम का गधा रहता था। घोंचू काफी आलसी था। जहां उसके सभी दोस्त भोजन की तलाश में सारा दिन इधर-उधर भटकते रहते वहीं वह सारा दिन बस एक जगह ही बैठा रहता। हालांकि उसमें गधो का महाराजा बनने की प्रबध इच्छा थी जिसके लिए वह जंगल के सभी गधों को डराने के नित्य नए उपाय ढूंढता रहता ताकि जंगल के सारे गधे उससे डरकर उसे राजा स्वीकार कर ले और फिर उसे बैठे बिठाए सब कुछ मिलता रहे और उसे कुछ ना करना पड़े।
एक बार जब सारे गधे जंगल में घास चरने गए थे। तब आलसी घोंचू चुप-चाप बैठे-बैठे सो रहा था। अचानक उसे शेर की दहाड़ सुनाई दी। शेर की तेज दहाड़ सुनते ही घोंचू तेजी से सरपट भागा। अब नजारा कुछ ऐसा था घोंचू आगे-आगे और शेर पीछे-पीछे। शेन ने तो मानो गधे को दावत का आज मन बना लिया हो बेचारा गधा शेर से इतना डर गया था कि वह नदी नालों जंगल झाडियों किसी चीज की परवाह न करते हुए बस भागता रहा।
इसी भागम भाग में घोंचू जब एक झाड़ी के बीच में निकल रहा था। तभी झाडियों में लटकी हुई किसी जानवर की दो लंबी-लंबी सींग अचानक घोंचू के सर पर आ टिकी परंतु शेर से घबरा कर भाग रहे घोंचू को इस बात का पता भी नहीं चला कि उसके सर पर दो सींग निकल आई हैं।
थका हारा घोंचू शाम को अभी अपने दोस्तों के पास पहुंचा ही था कि तभी वहां बैठे एक गधे की नजर घोंचू पर पड़ी वह उसके सर पर टिकी सींग को देखकर इधर-उधर भागने लगा और जोर-जोर से चिल्लाने लगा।
उसकी बातों को सुनकर सभी गधे पीछे पलटकर घोंचू को देखने लगे। उनमें से एक ने कहा अरे बाप से भागो यहां से ये सींग वाला गधा तो आज मैंने पहली बार देखा है। बस फिर क्या था घोंचू को देखकर सभी गधे डर के मारे इधर-उधर भागने लगे। पहले तो घोंचू को ये समझ ही नहीं आया कि वो उसके दोस्त उससे डर कर भाग क्यों रहे हैं। परंतु थोड़ी ही देर में घोंचू को सारी बात समझ आ गई। वह बहुत खुश हुआ आखिर घोंचू यही तो चाहता था। बात समझ आने पर वह जोर-जोर से हंसने लगा और उन सब के पीछे दौड़ पड़ा। उसे अपनी ओर आता देख सभी गधे घबरा गए और घोंचू से हाथ जोड़कर अपनी जान की भीख मांगने लगे। तब घोंचू ने कहा सारे गधे मेरी बात मानकर उसकी सेवा में लग जाए। घोंचू बैठे-बैठे राजा बन गया। उसे ढेर सारा अच्छा स्वादिष्ट भोजन खाने को दिया गया।
एक बार जब सारे गधे जंगल में घास चरने गए थे। तब आलसी घोंचू चुप-चाप बैठे-बैठे सो रहा था। अचानक उसे शेर की दहाड़ सुनाई दी। शेर की तेज दहाड़ सुनते ही घोंचू तेजी से सरपट भागा। अब नजारा कुछ ऐसा था घोंचू आगे-आगे और शेर पीछे-पीछे। शेन ने तो मानो गधे को दावत का आज मन बना लिया हो बेचारा गधा शेर से इतना डर गया था कि वह नदी नालों जंगल झाडियों किसी चीज की परवाह न करते हुए बस भागता रहा।
इसी भागम भाग में घोंचू जब एक झाड़ी के बीच में निकल रहा था। तभी झाडियों में लटकी हुई किसी जानवर की दो लंबी-लंबी सींग अचानक घोंचू के सर पर आ टिकी परंतु शेर से घबरा कर भाग रहे घोंचू को इस बात का पता भी नहीं चला कि उसके सर पर दो सींग निकल आई हैं।
थका हारा घोंचू शाम को अभी अपने दोस्तों के पास पहुंचा ही था कि तभी वहां बैठे एक गधे की नजर घोंचू पर पड़ी वह उसके सर पर टिकी सींग को देखकर इधर-उधर भागने लगा और जोर-जोर से चिल्लाने लगा।
उसकी बातों को सुनकर सभी गधे पीछे पलटकर घोंचू को देखने लगे। उनमें से एक ने कहा अरे बाप से भागो यहां से ये सींग वाला गधा तो आज मैंने पहली बार देखा है। बस फिर क्या था घोंचू को देखकर सभी गधे डर के मारे इधर-उधर भागने लगे। पहले तो घोंचू को ये समझ ही नहीं आया कि वो उसके दोस्त उससे डर कर भाग क्यों रहे हैं। परंतु थोड़ी ही देर में घोंचू को सारी बात समझ आ गई। वह बहुत खुश हुआ आखिर घोंचू यही तो चाहता था। बात समझ आने पर वह जोर-जोर से हंसने लगा और उन सब के पीछे दौड़ पड़ा। उसे अपनी ओर आता देख सभी गधे घबरा गए और घोंचू से हाथ जोड़कर अपनी जान की भीख मांगने लगे। तब घोंचू ने कहा सारे गधे मेरी बात मानकर उसकी सेवा में लग जाए। घोंचू बैठे-बैठे राजा बन गया। उसे ढेर सारा अच्छा स्वादिष्ट भोजन खाने को दिया गया।
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