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BUDDHA ACADEMY TIKAMGARH (MP) || ☺ || ༺•|✤आपकी सफलता हमारा ध्येय✤|•༻
created Feb 27th 2020, 09:11 by GuruKhare
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समस्या कोई भी हो हम उसे आराम से दूर कर सकते हैं, तो यह बहुत अच्छी बात है, मगर हम सभी लोग छोटी सी बात को बहुत ज्यादा बढ़ा देते हैं, जिससे परेशानी का हल होना मुश्किल हो जाता है, उनसे मिलने के लिए अभी कुछ लोग आये हुए थे, क्योंकि सभी लोग एक ही बात पर चर्चा कर रहे थे, कि उनकी परेशानी का हल जल्द ही होना चाहिए, गांव के प्रधान भी इस बात को जानते थे मगर दूसरे गांव के प्रधान इस बात को नहीं मान रहे थे, क्योंकि जिसका खेत था वह काम को आगे नहीं बढ़ने देना चाहता था, नदी का पानी सबको मिलना चाहिए ऐसा नहीं होता है कि कुछ गांव ही इसका प्रयोग कर पाए मगर नदी का पानी लेने के लिए किसान रंजन का मानना बहुत जरूरी था। क्योंकि उसके खेत में से नदी को निकाला जा सकता था।
मगर रंजन इस बात को तैयार नहीं था, इससे उसे नुक्सान होता है, क्योंकि नदी के पानी को जैसे ही उस खेत से निकाला जाएगा तो उसका खेत बर्बाद हो जाएगा, वह कुछ भी नहीं कर पायेगा, समस्या बिलकुल सामने नजर आ रही थी, मगर समाधान कुछ भी नहीं था, क्या किया जा सकता था, अगर वह अपना खेत देता तो उसको नुकसान होता अगर वह नहीं देता है तो गांव को नुकसान होता अब क्या किया जा सकता था सभी लोग इसलिए मिलने आये थे कि कुछ इस बारे में जरूर करे, सभी गांव वाले इस बारे में प्रधान से बात करने आये थे अगर इस तरह ही चलता रहा तो हमारे खेत सूख सकते हैं, इस बार बारिश भी नहीं हुई है, उधर नदी का पानी भी नहीं आ रहा है आप कुछ इस बारे में क्यों नहीं करते है, प्रधान कहते है कि सभी अपनी जगह सही है हम रंजन को भी कुछ नहीं कह सकते हैं क्योंकि उसकी रोजी उसी खेती से चलती है अगर वह खेत ही नहीं रहेगा तो वह क्या करेगा तभी एक आदमी कहता है कि अगर हम सभी उसे खेत की कीमत देते हैं तो इससे वह मान जाएगा।
लेकिन प्रधान कहते हैं कि तुम ऐसा क्यों सोचते हो अगर हम उसे कीमत देते हैं तो वह उस धन का क्या करेगा जोकि कुछ दिन बाद खत्म हो जाएगा वह फिर परेशानी में आ जाएगा, कुछ ऐसा उपाए करना होगा जिससे रंजन को भी परेशानी न हो और हमें नदी का पानी भी मिल जाए अगर ऐसा हो सकता है तो हम कुछ कर सकते हैं नहीं तो इस समस्या का हल नहीं निकलेगा या फिर हम रंजन से इस बारे में बात कर सकते हैं शायद वह इस समस्या का हल निकाल सकता है।
सभी मिलकर रंजन के पास गए क्योंकि इस समस्या को जल्द ही दूर करना होगा, नहीं तो परेशानी बढ़ती जायेगी, सभी लोग रंजन के घर पहुंच गए थे, रंजन वही पर बैठा था वह कहने लगा कि आप सभी यहां पर क्यों आये हैं जबकि इस बात का नतीजा कुछ नहीं निकल रहा है।
मगर रंजन इस बात को तैयार नहीं था, इससे उसे नुक्सान होता है, क्योंकि नदी के पानी को जैसे ही उस खेत से निकाला जाएगा तो उसका खेत बर्बाद हो जाएगा, वह कुछ भी नहीं कर पायेगा, समस्या बिलकुल सामने नजर आ रही थी, मगर समाधान कुछ भी नहीं था, क्या किया जा सकता था, अगर वह अपना खेत देता तो उसको नुकसान होता अगर वह नहीं देता है तो गांव को नुकसान होता अब क्या किया जा सकता था सभी लोग इसलिए मिलने आये थे कि कुछ इस बारे में जरूर करे, सभी गांव वाले इस बारे में प्रधान से बात करने आये थे अगर इस तरह ही चलता रहा तो हमारे खेत सूख सकते हैं, इस बार बारिश भी नहीं हुई है, उधर नदी का पानी भी नहीं आ रहा है आप कुछ इस बारे में क्यों नहीं करते है, प्रधान कहते है कि सभी अपनी जगह सही है हम रंजन को भी कुछ नहीं कह सकते हैं क्योंकि उसकी रोजी उसी खेती से चलती है अगर वह खेत ही नहीं रहेगा तो वह क्या करेगा तभी एक आदमी कहता है कि अगर हम सभी उसे खेत की कीमत देते हैं तो इससे वह मान जाएगा।
लेकिन प्रधान कहते हैं कि तुम ऐसा क्यों सोचते हो अगर हम उसे कीमत देते हैं तो वह उस धन का क्या करेगा जोकि कुछ दिन बाद खत्म हो जाएगा वह फिर परेशानी में आ जाएगा, कुछ ऐसा उपाए करना होगा जिससे रंजन को भी परेशानी न हो और हमें नदी का पानी भी मिल जाए अगर ऐसा हो सकता है तो हम कुछ कर सकते हैं नहीं तो इस समस्या का हल नहीं निकलेगा या फिर हम रंजन से इस बारे में बात कर सकते हैं शायद वह इस समस्या का हल निकाल सकता है।
सभी मिलकर रंजन के पास गए क्योंकि इस समस्या को जल्द ही दूर करना होगा, नहीं तो परेशानी बढ़ती जायेगी, सभी लोग रंजन के घर पहुंच गए थे, रंजन वही पर बैठा था वह कहने लगा कि आप सभी यहां पर क्यों आये हैं जबकि इस बात का नतीजा कुछ नहीं निकल रहा है।
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