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पंड़ित जी और नाविक
created Jul 16th 2019, 10:42 by soni51253
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				 गंगा नदी  किनारे एक भोला नाम का नाविक रहता था . वह यात्रियों को गंगा  नदी के एक किनारे से दूसरे किनारे ले जाता और लाया करता था ।  एक दिन वह कुछ यात्रियों को अपनी नाव पर बैठाकर ले जा रहा था, जिसमें एक पंडित जी भी थे, जिन्हें अपने ज्ञानी होने का बड़ा घमंड था ।  
पंडित जी ने भोला से पूछा, “क्या तुम भूगोल जानते हो नाविक?”
भोला ने उत्तर दिया, “नहीं श्री मान, भूगोल क्या है इसका मुझे कोई अंदाजा नहीं । ”
पंडित जी ने कहा,“फिर तो तुम्हारी पाव भर जिंदगी पानी में समझो । ”
फिर पंडित जी ने एक और प्रश्न भोला से पूछा, “क्या तुम इतिहास के बारे में बता सकते हो? गांधीजी का जन्म कब और कहां हुआ?” भोला फिर से अपनी अनभिज्ञता जताते हुए बोला, “जी इसके बारे में नहीं जानता ।” पंडित जी ने विजय मुद्रा में कहा, “फिर तो तुम्हारी आधी जिंदगी पानी में गई समझो ।” पंडित जी ने अपने को ज्ञानी समझते हुए एक औऱ प्रश्न किया, “तो फिर महाभारत के पांड़वों औऱ कौरवों के बारे में जानते होंगे?” भोला शर्म के मारे अपना सिर हिलाते हुए बोला, “नहीं पंडित जी ..”
पंडित जी हंसते हुए बोले, “फिर तो तुम्हारी पौना जिंदगी पानी में समझो ।”
कुछ ही देर में गंगा में प्रवाह तीव्र होने लगा । नाविक ने सभी यात्रियों को तूफान की चेतावनी दी । नाविक ने पंडित जी से पूछा. “श्रीमान क्या आप तैरना जानते हैं ?” पंडित जी घबराते हुए बोले, “नहीं । मैं तैरना नहीं जानता । ” नाविक पंडित जी से बोला, “ फिर तो आपकी पूरी जिंदगी पानी में गई समझो ।”
कुछ देर मे तूफान आया औऱ नाव पलट गई और पंडित जी की पानी में डूबने से मृत्यु हो गई ।
कथासार-कभी भी अपने ज्ञानी होने का घमंड़ नहीं करना चाहिए ।
 
			
			
	        पंडित जी ने भोला से पूछा, “क्या तुम भूगोल जानते हो नाविक?”
भोला ने उत्तर दिया, “नहीं श्री मान, भूगोल क्या है इसका मुझे कोई अंदाजा नहीं । ”
पंडित जी ने कहा,“फिर तो तुम्हारी पाव भर जिंदगी पानी में समझो । ”
फिर पंडित जी ने एक और प्रश्न भोला से पूछा, “क्या तुम इतिहास के बारे में बता सकते हो? गांधीजी का जन्म कब और कहां हुआ?” भोला फिर से अपनी अनभिज्ञता जताते हुए बोला, “जी इसके बारे में नहीं जानता ।” पंडित जी ने विजय मुद्रा में कहा, “फिर तो तुम्हारी आधी जिंदगी पानी में गई समझो ।” पंडित जी ने अपने को ज्ञानी समझते हुए एक औऱ प्रश्न किया, “तो फिर महाभारत के पांड़वों औऱ कौरवों के बारे में जानते होंगे?” भोला शर्म के मारे अपना सिर हिलाते हुए बोला, “नहीं पंडित जी ..”
पंडित जी हंसते हुए बोले, “फिर तो तुम्हारी पौना जिंदगी पानी में समझो ।”
कुछ ही देर में गंगा में प्रवाह तीव्र होने लगा । नाविक ने सभी यात्रियों को तूफान की चेतावनी दी । नाविक ने पंडित जी से पूछा. “श्रीमान क्या आप तैरना जानते हैं ?” पंडित जी घबराते हुए बोले, “नहीं । मैं तैरना नहीं जानता । ” नाविक पंडित जी से बोला, “ फिर तो आपकी पूरी जिंदगी पानी में गई समझो ।”
कुछ देर मे तूफान आया औऱ नाव पलट गई और पंडित जी की पानी में डूबने से मृत्यु हो गई ।
कथासार-कभी भी अपने ज्ञानी होने का घमंड़ नहीं करना चाहिए ।
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