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श्री वास्तव टाइपिस्ट दिल्ली

created Jan 9th 2019, 09:47 by VedPrakash59


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वोटिंग मशीन विशुद्ध रूप से कम्प्यूटर विज्ञान पर आधारित, कम्प्यूटर जैसी एक मशीन है, इस मशीन के उपयोग के पक्ष में तरह-तरह की दलीलें दी जाती हैं इस मशीन के उपयोग से सरकारी कामकाज में आसानी हो जाती है, सुदूरवर्ती गांवों के मतदाता भी बिना किसी बाहरी दबाव के अपनी इच्छा से स्वतंत्रतापर्वक अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकते हैं, यह मशीन बहुत बड़ी संख्या में मतपत्रों को छापने और उनको सुरक्षित रखने की समस्या का हल है, इस मशीन के प्रयोग से अस्पष्ट मत चिन्ह अथवा एक से अधिक उम्मीदवारों के नाम के आगे चिन्ह अंकित नहीं हो सकते। इससे कागज और स्याही बचत होगी।
मतदाता की अंगुली पर लगायी गयी स्याही सम्बन्धी गड़बड़ी नहीं होगी, जाली मतपत्रों का प्रयोग असम्भव होगा चुनाव प्रक्रिया सरल हो जाएगी, मतदान केन्द्रों पर होने वाली हेराफेरी रोकी जा सकती है, मतदान केन्द्रों तथा मतपेटियों पर होने वाले कब्जे से मुक्ति मिल जाएगी।
वोटिंग मशीन की नियंत्रण इकाई चुनाव अधिकारी के पास होती है, मतदान इकाई को चुनान कक्ष के अन्दर रखा जाता है. स्म्रति भण्डार इसी मतदान इकाई में होता है जिसमें प्रोग्रामर उम्मीदवार से सम्बन्धित विवरण भर देता है मशीन पर उम्मीतवार और चुनाव चिन्ह के सामने एक पुश-ब
टन लगा होता हे।
बटन को दबाते ही मशीन का लैम्प प्रकाश देने लगता है, जो मत पड़ने का सूचक है. मशीन को अपनी पूर्व स्थित में लाने तक यह बटन पुनः नहीं दवा सकते. इस तरह इसका कोई दुरुपयोग नहीं कर सकता.  
मतदान इकाई को पूर्व स्थित में लाने का कार्य नियंत्रण कक्ष में बैठा चुनाव अधिकारी, नियंत्रण इकाई के पैनल का बटन दबाकर करता है। बटन दबाने और लैम्प जलने की सूचना नियंत्रण कक्ष में बैठे एक अलार्म द्वारा चुनाव अधिकारी को मिल जाती हैं। परन्तु इससे यह आभास नहीं होता कि मत किस पक्ष में पड़ा है।
किसी मतदाता द्वारा दो बटन एक साथ दबाने से कोई मत रिकार्ड नहीं होता है, मतदान की समाप्ति पर मशीन सीलबन्द कर गणना केन्द्रों पर भेज दी जाती हैं. गणना केन्द्रों में मात्र बटन दबाने से अलग-अलग उम्मीदवारों के पक्ष में पड़े मत और कुल पड़े मतों की संख्या ज्ञात की जा सकती है.
अब वोटिंग मशीन द्वारा चुनावों में बेईमानी और घपलेबाजी का उदगम हो गया है. प्रोग्रामर अथवा कोई भी जानकार व्यक्ति अवांछित कार्यक्रम वोटिंग मशीन में फीड कर सकता है. इसमें चोरी से इस प्रकार के निर्देश भरे जा सकते है कि सभी वोट एक ही उम्मीदवार को अथवा केवल एक विशिष्ट रातनीतिक दल के उम्मीदवार को मिल अथवा हर दूसरा या तीसरा वोट विशेष पार्टी अथवा विशेष उम्मीदवार तो मिले आदि. यह प्रोग्राम फीड करने वाले की योग्यता पर निर्भर करती है. चुनाव कर्मियों की मिली भगत से यह कार्य किया जा सकता है।
 
 
 

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