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संम्‍पदकीय डिक्‍टेशन

created Nov 3rd 2018, 11:53 by sunil gour


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    सारे जहां से अच्‍छा हिन्‍दुस्‍तान हमारा हमारा हम बुल बुले है इसके ये गुलदस्‍तान हमारा हमारा सारे  जहां से अच्‍छा हिन्‍दुस्‍तान हमारा हमारा
    सादी करके फस गया यार अच्‍छा खासा था कुंआरा जो खाए पछताएं जो खाए वो पछताए। दूर से अच्‍छा लगता है ये लडडू प्‍यारा प्‍यारा सादी करके फस गया यार अच्‍छा खासा था क्‍वांरा
    लाल डुपट्टा उड़ गया रे मेरे हवा के झोके से मुझको पिया ने देख लिया हाय रे झोके से, बनक मेरी जान लेगा वेा
    यारा तेरी यारी को हमने तो खुदा माना याद करेगी दुनिया तेरा मेरा अफसाना। यारा तेरी को हमने तो खुदा माना
    दिल दीवाना ना चांदी कब खो गया तुमने ऐसा देखा कि कुछ हो गया कुछ हो गया कुछ हो गया कूछ गया मेरी जान दिल दीवाना ना चांदी कम खो गया
    आज की रात सुखदायी रे परदेशी बोले     
    तू जो कहदे अगर तो भुला दू में तुझको ही अपनी ही दुनिया बना लू में तो दुआ हे दुआ ख्‍वाइसियों की दुआ
    मेरे तो सारे सबरे बाहों में मेरे होने मेरी तो सारी सौरत सारे तेरे नाम है।  
    किसी डिस्‍कों में जायें किसी होटल में जाये हमसे पूछ ले कोई कि कहां सें घुम के आए हम चलों इश्‍क लेड़ाए चलो इश्‍क लड़ाएं।
    अंखियों से गोली मारे लड़की कमाल रे कुछ पल खाती कुछ लहराती हिरनी जैसी चलती है पल में मासा पल में सोला कितने रंग बदलती हे।
     अक्‍सर इस दुनिया में अनजाने मिलते हे अनजानी राहों में मिलकर खो जाते है फिर अक्‍सर हमें वो याद आते है
    दीदी तेरा क्‍या होगा रब जाने सुना मेरे जीजाजी दिल में नजरे करीना  
    हो गया है तुझको तो प्‍यार सजना तु जा लाख करले तू प्‍यार सजना  

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