eng
competition

Text Practice Mode

साँई कम्‍प्‍यूटर टायपिंग इंस्‍टीट्यूट गुलाबरा छिन्‍दवाड़ा म0प्र0 संचालक:- लकी श्रीवात्री मो0नां. 9098909565

created Feb 6th 2023, 10:19 by rajni shrivatri


6


Rating

431 words
16 completed
00:00
महोदय, फसल बीमा का सुझाव आज से कई वर्ष पहले रखा गया था और उसपर विचार करने के बाद एक योजना भी बनायी गयी थी। दुख की बात है कि इस लंबी अवधि में फसलें अनेक बार नष्‍ट हो चुकी है, परन्‍तु इस योजना को अमल में अभी तक नहीं लाया जा सका है। वित्तमंत्रालय यह स्‍वीकार कर चुका है कि वह इसके लिये आवश्‍यक रूपया देगा हो सेकता है कि राज्‍य सरकारें यह विचार कर रही हो कि इससे किसानों पर बोझा पड़ेगा और उनकी लोकप्रियता पर असर पड़े, इस विचार में कोई विशेष परिवर्तन तो नहीं हुआ है, परन्‍तु इतना अवश्‍य है कि जो योजनाये राज्‍य के पास भेजी गयी थी उसपर उनकी प्रक्रिया यह है कि फसल-बीमा के लिये वे तैयार है वे चाहते हैं कि उनका सारा खर्चा केन्‍द्र सरकार करे दूसरी और यह प्रकट किया गया था कि एक बिल पेश करने वाले हैं अब लोकसभा में यह घोषण कि गयी थी कि सरकार उसके विषय पर शीघ्र निर्णय करेगी कहना यह होगा कि यह योजना जितनी अच्‍छी है उसपर खर्चे का जो प्रश्‍न है वे ऐसा नहीं है कि बात सुलझायी नहीं जा सकी। यदि इस दिशा में प्रयत्‍न किया जाए तो कोई-न-कोई रास्‍ता निकल सकता है इसमें संदेह नहीं कि किसान जब लगान तक नहीं दे सकता तो वह फसन-बीमा की किस्‍त शीघ्र ही देगा इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है आज स्थिति यह है कि जब बाढ़, फूलों और कीढ़ों आदि से फसल को नुकसान हो जाता है तो किसान के पास पेट भरने तक कुछ नहीं रहता है तो यह दिक्‍कत हो और वह खेती में ज्‍यादा-से-ज्‍यादा धन लगा सके, इसलिए फसल-बीमा तो होना चाहिए।     
कृषि भी अब एक उद्योग की तरह है यदि उद्योग में हानि के खतरों से बचने के लिए बीमा हो सकता है तो खेती में क्‍यों नहीं हो सकता इससे किसान का उत्‍साह बढ़्रेगा और वह उत्‍पादन बढ़ा सकेगा, परन्‍तु सवाल यह है कि बीमा की किस्‍त कौन दे। यह ठीक है कि बीमा केन्‍द्र का विषय है इसलिए राज्‍यसरकार पर इसका भार नहीं पड़ना चाहिए, परन्‍तु इसके साथ यह बात भी तो गलत नहीं है कि केन्‍द्र राज्‍यों का विषय है ऐसी जिम्‍मेदारी से वे अपने को अलग नहीं रख सकते उसका कुछ कुछ खर्चा तो  उनको बर्दाश्‍त करना ही चाहिए। फिर केन्‍द्र यह भी नहीं कर रहा है कि यहां उसका कोई खर्चा जानने को तैयार नहीं है आशा है कि केन्‍द्र तथा राज्‍यसरकारें मिलकर इस राष्‍ट्रीय महत्‍व के विषय पर गंभीरता से विचार करेगी और देश की खेती के प्रति निर्भरता खत्‍म करने में किसानों की मदद करेगी।  

saving score / loading statistics ...