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ACADEMY FOR STENOGRAPHY, MORENA,DIR- BHADORIYA SIR TYPING MPHC DISTRICT COURT AG-3
created Sep 24th 2022, 05:07 by mahaveer kirar
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इस अपील में 2006 के सेशन विचारण संख्या 1385 में अपर सेशन न्यायाधीश विशेष सेशन न्यायाधीश चुनाव आयोग अधिनियम द्वारा तारीख 10 सितम्बर, 2008 को पारित उस निर्णय और आदेश को चुनौती दी गई है जिसके द्वारा अपीलार्थी को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 आयुध अधिनियम की धारा 25 के अधीन दोषसिद्ध किया गया और क्रमश: मृत्यु हो जाने तक फांसी पर लटकाए रखे जाने तथा एक लाख रुपए के जुर्माने का संदाय करने, आजीवन कारावास और पचास हजार रुपए के जुर्माने का संदाय करने, तीन वर्ष के कठोर कारावास और दस हजार के जुर्माने का संदाय करने, एक वर्ष के कठोर कारावास और पुन: एक वर्ष के कठोर कारावास का दंडादेश दिया। अभियोजन पक्षकथन का सार यह है कि तारीख 18 अक्टूबर, 2006 को दोपहर के लगभग 12 बजे इत्तिला देने वाले विनोद कुमार की पुत्री रजनी, आयु लगभग 11 वर्ष जो पांचवीं कक्षा में पढ़ रही थी, सरसों की फसल, जो इत्तिला देने वाले ने जगदीश मास्टर से बटाई पर ली हुई थी, की निगरानी करने के लिए खेत गई थी। आगे यह भी अभिकथित है कि इस खेत से सटा सोनू का टयूबवैल और खेत है जिसमें गन्ने की फसल खड़ी है। अपराह्न के लगभग 1 बजे जब इत्तिला देने वाला लाला के साथ सोनू के खेत के निकट ही था तो उसे अपनी पुत्री की सोनू के गन्ने के खेत से आ रही चीखें सुनाई दी, जिस पर वह और लाला शोर मचाते हुए भागकर उस दिशा में गई लगभग उसी समय सोनू एक हाथ में रक्त से सनी खुरपी और दूसरे हाथ में देसी पिस्तौल लिए हुए गन्ने के खेत से बाहर आ रहा था। उन्हें देखकर सोनू ने उन पर गोली चला दी किंतु गोली का निशाना चूक गया। आगे यह भी अभिकथन किया गया है कि उन्होंने निकटवर्ती गन्ने के खेत में शरण ली। गोली चलने की आवाज सुनकर लोग, जो अपने-अपने खेतों में काम में व्यथत थे, बचकर गांव की ओर भाग खड़े हुए। यह भी अभिकथन किया गया है कि इत्तिला देने वाला पुत्री को कटी हुई गर्दन के साथ चित पड़े हुए पाया। आगे यह भी अभिकथन किया गया है सोनू ने उसकी हत्या कर दी है।
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