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बंसोड कम्‍प्‍यूटर टायपिंग इन्‍स्‍टीट्यूट मेन रोड़ गुलाबरा छिन्‍दवाड़ा मो0नं0 8982805777 प्रो.सचिन बंसोड (CPCT, DCA, PGDCA) प्रवेश प्रारंभ

created Sep 20th 2022, 02:29 by shilpa ghorke


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रामधारी सिंह दिनकर का जन्‍म 1908 ई0 में मुंगेर जिले के सिमरिया नामक गॉंव में एक साधारण किसान परिवार में हुआ था। दिनकर को भारत सरकार ने पदभूषण की उपाधि से सम्‍मानित किया। संस्‍कृति के चार अध्‍याय नामक उनकी पुस्‍तक पर साहित्‍य-अकादमी पुरस्‍कार और उर्वशी पर उन्‍हें भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्‍कार मिला। दिनकर की प्रमुख गद्य-कृतियां हैं- शुद्ध कविता की खोज, साहित्‍योमुखी, दिनकर की डायरी, काव्‍य की भूमिका, रेती के फूल, मिट्टी की ओर, अर्धनारीश्‍वर आदि जिनमें उनके विभिन्‍न विचारात्‍मक एवं समीक्षात्‍मक निबंध संग्रहीत हैं। उनकी प्रमुख काव्‍य-कृतियां हैं- रेणुका, हुंकार, रश्मिरथी, रसवंती, नीलकुसुम, कुरुक्षेत्र, उर्वशी आदि। रानी लक्ष्‍मीबाई जयंती प्रत्‍येक वर्ष 19 नवंबर को धूम-धाम से मनायी जाती है। यह रानी लक्ष्‍मीबाई का जन्‍म दिवस है। रानी लक्ष्‍मीबाई का जन्‍म 19 नवंबर 1835 को काशी में हुआ था। इनके पिता का नाम मोरोपंत ताम्‍बे था। इनकी माता का नाम भागीरथी बाई था। लक्ष्‍मीबाई के बचपन का नाम मणिकर्णिका था परन्‍तु प्‍यार से उन्‍हे मनु कहा जाता था। अंग्रेजों के विरुद्ध रणयज्ञ में अपने प्राणों की आहुति देने वाले योद्धाओं में वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई का नाम सर्वोपरि माना जाता है।  

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