eng
competition

Text Practice Mode

मंगल टाईपिंग (INDIANA)

created Aug 6th 2022, 03:10 by gg


0


Rating

249 words
1 completed
00:00
एक व्याध देविका नदी के तट पर तपस्या कर रहा था। दुर्वासा ऋषि भ्रमण करते हुए वहां पहुंचे। उन्होंने देविका में स्नान कर तट पर बैठकर पूजा-अर्चना की। दुर्वासा जी को भूख लगी, तो उन्होंने व्याध से कहा, ‘मुझे भोजन उपलब्ध कराओ’। व्याध के पास कुछ नहीं था। वह दुर्वासा जी के  क्रोध से परिचित था। वह उठा और  वन में जाकर वनदेवियों से भोजन तैयार कराकर ले आया। दुर्वासा ऋषि ने तृप्त होकर वर दिया, ‘तुम सत्यतपा ऋषि के नाम से  ख्याति प्राप्त करोगे और सत्य पर अडिग रहोगे’।
एक दिन सत्यपता ऋषि वन में बैठे थे। अचानक एक वराह सामने से गुजार और ओझल हो गया। पीछे-पीछे शिकारी पहुंच गया। उसने मुनि से पूछा,‘क्या तुमने वराह को जाते देखा है?’ मुनि ने सोचा कि यादि में सच बताता हूं, तो शिकारी वराह को मार देगा। यदि नहीं बताता, तो शिकारी का परिवार भूखा रह जाएग मुनि ने कहा,‘वराह को आंखों ने देखा है, पर वे बोल नहीं सकतीं। जिह्वा बोल सकती है, किंतु उसने वराह को देखा नहीं।’ तभी मुनि ने देखा कि सामने विष्णु और इंद्र खड़े हैं। उन्होंने कहा,‘मुनिवर, वास्तव में आप सत्य-असत्य के रहस्य को समझते हैं। सत्य बोलते समय उसका परिणाम क्या होगा, यह विवेक ही उचित निर्णय ले सकता है।’
आज का गद्यांश छोटा है। यदि इसमें कही कोई गलती दिखे तो इस छोटे भाई को क्षमा कीजिए। आज तबीयत थोड़ी सही नहीं है। आशा करता हूँ आप स्वस्थ होगें और आपकी टंकण गति पहले से काफी अच्छी हुई होगी।
धन्यवाद

saving score / loading statistics ...