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साँई कम्‍प्‍यूटर टायपिंग इंस्‍टीट्यूट गुलाबरा छिन्‍दवाड़ा म0प्र0 संचालक:- लकी श्रीवात्री मो0नां. 9098909565

created Aug 6th 2022, 03:02 by lucky shrivatri


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भारतीय संस्‍कृति में सूर्य का बहुत महत्‍व है। सूर्य को आदि-अनादि काल से देवता के रूप में पूजा गया है। सूर्य ज्ञान, तेज, स्‍फूर्ति शक्ति का अक्षय स्‍त्रोत है। प्रात: काल सूर्य दर्शन करना, सूर्य को जल चढ़ाना हमारी अटूट परम्‍परा का अंग है। दैदीप्‍तीमान सूर्य सौंदर्य, विकास, उत्‍साह आशा का प्रतीक है। प्रात: कालीन उगता सूर्य ऐसी लालिमा लिए रहता है कि उसके दर्शन करना सकारात्‍मक भावनाओं को जन्‍म देता है। सूर्य की किरणें जीवन के लिए अमृतमयी हैं। इनसे विटामिन-डी का निर्माण शरीर में होता है। पौधे भी प्रकाश संश्‍लेषण के दौरान कार्बन डाइऑक्‍साइड पानी आदि के द्वारा सूर्य के प्रकाश में भोजन बनाते हैं एवं ऑक्‍सीजन देते है। यदि शरीर को सूर्य का प्रकाश कम मिले, तो शरीर में मेलाटोनिन बढ़ जाता है एवं आलस्‍य, सुस्‍ती, नींद में वृद्धि हो जाती हैं। विश्‍व की सभी सभ्‍यताओं में सूर्य का सदैव पूजनीय स्‍थान रहा है। इसका मनुष्‍य जाति ही नहीं सभी जीवों के कल्‍याण से सीधा जुड़ाव रहा है। प्राचीन भारत, मिस्‍त्र, चीन, अजटेक आदि सभी सभ्‍यताओं में सूर्य की उपासना की जाती रही है। आर्य संस्‍कृति में आदित्‍य नाम से तो ग्रीस में भगवान हेलीयोज के रूप में। अगस्‍त्‍य मुनि ने श्रीराम को सूर्य पूजा में दीक्षित किया। हमारे त्‍योहार मकर संक्रान्ति, छठ पूजा, पोंगल आदि सूर्य एवं सूर्य के उत्तरायण मे आने से संबंधित है। मुल्‍तान, मोढेड़ा, कोणार्क, उन्‍नाव, सूर्य पहाड़, गया आदि में सूर्य के भव्‍य प्राचीन मंदिर है। हमारे देश ही नहीं, विदेश में सूर्य, सूर्य उपासना, सूर्य से संबंधित संस्‍कारों का बहुत महत्त्व है, जापान को उगते सूरज का देश कहा जाता है। वहां के राष्‍ट्रीय ध्‍वज में सूर्य का निशान है। वहां के लोग प्रात: उठकर सूर्य को झुककर प्रणाम करते हैं। चीन में प्रात: सूर्य को नमस्‍कार सहित चाय भेंट की जाती है। इस प्रकार सूर्य का संबंध ऊर्जा प्रेरणा से हे, जो विश्‍व के हर कोने में स्‍वीकार्य है। सौर ऊर्जा से ही वर्तमान युग की मानव जाति की ऊर्जा संबंधी और पर्यावरण संबंधी समस्‍याओं का समाधान हो सकता है। आज ग्‍लोबल वार्मिंग एक समस्‍या बन गई है। कही भारी वर्षा हो रही है, कहीं सूखा पड़ रहा है, कहीं जंगलों में आग लगी है। पृथ्‍वी का तापमान बढ़ रहा है। इसलिए अब परंपरागत फॉसिल फ्यूल का प्रयोग पृथ्‍वी पर मानव जाति के अस्तित्‍व को ही संकट में डाल देगा। ऐसे में सूर्य से प्राप्‍त ऊर्जा यानी सोलर एनर्जी एक सही उपाय है। इस क्षेत्र में जैसे-जैसे टेक्‍नोलॉजी में सुधार होगा, हम ज्‍यादा प्रभावी तौर पर सूर्य की ऊर्जा एकत्र कर अपने प्रयोग में ले पाएंगे। वर्तमान में 1 स्‍क्‍वायर किलोमीटर में सूरज की यह 1 गीगावॉट ऊर्जा गिरती है, जिसमें हम 200 मेगावाट ही एकत्र कर पाते हैं।  

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