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SHAHID MANSOORI, MP HIGH COURT ag3 hindi typing with zero error, khurai, sagar,m.p. मैं भी आप ही की तरह सिलेक्‍टेड स्‍टूडेंट हूं असिस्‍टेंट ग्रेड 3 के प्री में

created Aug 2nd 2022, 10:22 by Ghulam Mustafa


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उच्‍च न्‍यायालय ने यह भी उल्‍लेख किया कि इस न्‍यायालय द्वारा दिए गए निर्णय के प्रतिकूल निर्देश किया था जिसमें यह अभिनिर्धारित किया जा चुका है कि केवल पंचाट की हस्‍ताक्षरित प्रति किसी पक्षकार को सौंप देने का अर्थ यह नहीं है कि उसमें मध्‍यस्‍थ की ओर से पंचाट न्‍यायालय में फाइल करने संबंधी मध्‍यस्‍थ का विवक्षित प्राधिकार भी विद्यमान था। ऐसा प्राधिकार मध्‍यस्‍थ से समाधानप्रद रूप से अभिप्राप्‍त किया जाना और अनुमोदित कराया जाना चाहिए। उच्‍च न्‍यायालय ने यह निष्‍कर्ष निकाला कि मध्‍यस्‍थ द्वारा आवेदक को उस पंचाट को न्‍यायालय का विनिर्णय बनाने के लिए फाइल करने का कोई विवक्षित प्राधिकार नहीं था और मध्‍यस्‍थ के अग्रेषण पत्र में यह निर्दिष्‍ट था कि वह केवल संबद्ध पत्रकार को सूचना के लिए भेजा गया था। तद्नुसार आवेदक द्वारा किए गए आवेदन को माध्‍यस्‍थम् अधिनियम की धारा के अधीन किया गया माना जाना चाहिए और उस मामले के तथ्‍यों में परिसीमा अधिनियम का अनुच्‍छेद लागू होता था। आवेदक की इस दलील को कि उसके द्वारा प्रस्‍तुत किए गए आवेदन को माध्‍यस्‍थम् अधिनियम की धारा के अधीन किया गया आवेदन माना जाना चाहिए, उच्‍च न्‍यायालय ने स्‍वीकार नहीं किया था और यह दलील भी उच्‍च न्‍यायालय द्वारा स्‍वीकार नहीं की गई थी कि इस मामले में परिसीमा अधिनियम का अनुच्‍छेद लागू होता है। उच्‍च न्‍यायालय ने अधिनियम की धारा के अधीन विलंब के लिए माफी देने संबंधी आवेदक के पक्षकथन को भी इस तथ्‍य को देखते हुए स्‍वीकार नहीं किया था कि आवेदक का यह सकारात्‍मक पक्षकथन था कि उसने अपना आवेदन पंचाट की प्राप्ति की तारीख से तीन सप्‍ताह के भीतर फाइल कर दिया था। उन परिस्थितियों में आवेदक की यह दलील कि वह परिसीमा विधि में हुए परिवर्तन से, जैसी कि दलील देने की ईप्‍सा की गई है, अवगत नहीं था, आवेदक द्वारा अपनाए गए उस ठोस आधार के पूर्णतया विरोधात्‍मक थी कि उसने पंचाट को उसकी प्राप्ति की तारीख से तीन सप्‍ताह के भीतर ही फाइल कर दिया था। उच्‍च न्‍यायालय का यह दृष्टिकोण था कि पूर्वोक्‍त तथ्‍यों को देखते हुए आवेदक का यह पक्षकथन स्‍वीकार नहीं था कि वह पुराने परिसीमा अधिनियम के उपबंधों के कारण भ्रम में पड़ गया है।

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