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created Jul 2nd 2022, 01:54 by Ashu Soni
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एक घना जंगल था वहॉं चार बैल रहते थे। चारों बैल में काफी गहरी मित्रता थी। शेर की एक इच्छा थी वो चाहता था कि इन में से अगर कोई बैल मुझे अकेला मिल जाये तो मैं उसे मार कर खा जाऊँ। पर शेर की ये इच्छा कभी पूरी नहीं हुई। चारो बैल हमेशा झुंड बनाकर रखते थे और हमेशा एक दूसरे की मदद करने के लिए तैयार रहते थे। शेर उनके बड़े सींगो से काफी डरता था, और उनसे दूर भागता था। एक दिन शेर ने सोचा कि ये चारो कभी भी एक दूसरे से अलग नहीं होते, मुझे कुछ ऐसा सोचना होगा जिससे मैं उन्हें एक दूसरे से अलग कर पाऊँ। इसलिए वह कोई ऐसी योजना सोचने लगा जिससे उनकी मित्रता तोड़ी जाए। एक दिन वह एक बैल के पास गया और उससे बोला, तुम्हारे मित्र कहते है कि तुम बहुत बड़े मुर्ख हो। यह सुनकर बैल को बहुत बुरा लगा और उसने दूसरे बैलों से बोलना छोड़ दिया। इसी तरह शेर ने सारे बैलों के बीच में एक दूसरे के लिए नफरत भर दी। इसके बाद शेर ने एक दिन एक बैल पर हमला कर दिया, ये देखकर तीनो बैल उसकी सहायता करने के लिए आगे आ गए। पहली बैल ने धन्यवाद करते हुए कहा कि हम मूर्ख नहीं है, जो शेर की चाल में आ जाते। एकता में ही बल है।
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