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साँई कम्प्यूटर टायपिंग इंस्टीट्यूट गुलाबरा छिन्दवाड़ा म0प्र0 संचालक:- लकी श्रीवात्री मो0नां. 9098909565
created Jul 1st 2022, 02:59 by Shankar D.
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अध्यक्ष महोदय, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ एक ऐसी योजना है, जिसका अर्थ कन्या शिशु को बचाओ और इन्हें शिक्षित करो है। इस योजना को भारत सरकार के द्वारा कन्या शिशु के लिए जागरूकता का निर्माण करने के लिए और महिला कल्याण में सुधार करने के लिए शुरू किया गया था। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय और परिवार कल्याण मंत्रालय एवं मानव संसाधन विकास मंत्रालय की एक संयुक्त पहल है। लड़कियों की सामाजिक स्थिति में भारतीय समाज में कुछ सकारात्मक बदलाव लाने हेतु इस योजना का प्रारंभ किया गया है। इस योजना का उद्घाटन प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा हरियाणा राज्य के पानीपत जिले से किया गया था। लगातार गिरता लिंगानुपात देश के लिए चिंता का विषय बना गया है। वर्ष 2011 की जनगणना के बाल लिंगानुपात आंकड़ों के अनुसार प्रति 1000 लड़कों पर 919 लड़कियां हैं अर्थात् प्रति हजार 81 महिलाओं की कमी। यद्यपि यह राष्ट्रीय औसत है, लेकिन हरियाणा जैसे कई राज्यों में यह अनुपात और भी कम है। इसकी सबसे बड़ी वजह भारत का पित्सत्तात्मक समाज और बेटियों पर बेटों को महत्व देने की पुरानी परम्परा है। इसकी वजह से गर्भ में कन्याओं की हत्या तक की जाती रही है। एक सर्वे के आंकड़ों के अनुसार देश में प्रति वर्ष 6 लाख से अधिक कन्याएं गर्भ में ही मार दी जाती है। यूनिसेफ की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत के सुनियोजित लिंगभेद के कारण भारत की जनसंख्या से लगभग 5 करोड़ लड़कियां गायब हैं। संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि भारत में अवैध रूप से अनुमानित तौर पर प्रतिदिन 2000 अजन्मी कन्याओं का गर्भपात किया जाता है। अत: संयुक्त राष्ट्र ने यह चेताया है कि भारत में बढ़ती कन्या भ्रूण हत्या जनसंख्या से जुड़े संकट उत्पन्न कर सकती है, जिससे लिंगानुपात के और भी असमान होने की संभावना बनेगी। यह कहा जा सकता है कि बेटी को बचाने एवं उसे पढ़ा-लिखाकर योग्य बनाने के लिए जब तक हम संवेदनशील नहीं होंगे, तब तक हम अपना ही नहीं, बल्कि आने वाली सदियों तक पीढ़ी-दर-पीढ़ी एक भयानक संकट को निमंत्रण देंगे। बेटियां देश का भविष्य हैं। इतिहास साक्षी है कि जब भी स्त्रियों को अवसर मिले हैं, उन्होंने अपनी उपलब्धियों के कीर्तिमान स्थापित किए हैं। उन्होंने अपनी उपलब्धियों के कीर्तिमान स्थापित किए हैं। आज शिक्षा, स्वास्थ्य, तकनीकी, रक्षा, राजनीति आदि क्षेत्रों में महत्वपूर्ण व बड़ी संख्या में अपनी भूमिका निभा रही है।
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