eng
competition

Text Practice Mode

बंसोड टायपिंग इन्‍स्‍टीट्यूट गुलाबरा छिन्‍दवाड़ा म0प्र0

created Jun 24th 2022, 04:05 by sachin bansod


0


Rating

204 words
15 completed
00:00
प्रत्‍यर्थी/वादियों ने अन्‍य बातों के साथ-साथ यह कथन करते हुए हकदारी और कब्‍जे की घोषणा के लिए एक सिविल फाइल किया था कि वादपत्र की अनुसूची 1 में उल्लिखित संपत्ति वादी संख्‍या 1 और 2 के पिता और वादी संख्‍या 3 के पति स्‍व. मनोज पुत्र आशा की स्‍वअर्जित संपत्ति है जिसमें उन्‍हें सरगुजा बंदोबस्‍त द्वारा रैय्यती अधि‍कार मंजूर किये गये हैं और इसके संबंध में प्रतिवादी संख्‍या 1 के पिता को उसके कुटुम्‍ब के भरण-पोषण के लिए कृषि संबंधी कार्य के लिए अनुज्ञप्ति दी गई थी। इसके पश्‍चात् प्रत्‍यर्थी संख्‍या 1 के पिता की मृत्‍यु हो गयी और तब प्रत्‍यर्थी संख्‍या 1 ने अनुज्ञप्ति को जारी रखने का अनुरोध किया जिसके लिए अनुज्ञात कर दिया गया था और उक्‍त भूमि को जब भी उसे वापस मांगा जाए, वापस करने के लिए कहा गया था, तथापि इसके पश्‍चात् प्रतिवादी संख्‍या 1 ने राजस्‍व अभिलेखों में अपना नाम दर्ज करा लिया, जिसके कारण वाद फाइल किया गया और जिसमें प्रतिवादियों के विरुद्ध एक पक्षीय कार्यवाही की गयी। वादियों ने अपने कथन के समर्थन में तीन  साक्षियों अर्थात् भगवती, रेखा और रामशरण की परीक्षा कराई। प्रतिवादी संख्‍या 1 ने वादपत्र में किए गए कथनों से इन्‍कार किया और अपने हक में प्रतिकूल कब्जे का अभिवचन किया।

saving score / loading statistics ...