Text Practice Mode
DURGA TYPING CENTER (जिला न्यायालय)
created May 24th 2022, 11:32 by HAKIM001
0
348 words
14 completed
0
Rating visible after 3 or more votes
00:00
अभ्यावेशन की विधिमान्यता- हर व्यक्ति की बाबत्, जो तीन मास की कालावधि पर्यन्त इस अधिनियम के अधीन अभ्यावेशित किए गए व्यक्ति के रूप में वेतन लेता रहा है और जिसका नाम तत्पर्यन्त किसी कोर या विभाग के रोल पर रहा है, यह समझा जाएगा कि वह सम्यक् रूप से अभ्यावेशित हो गया है और वह अपने अभ्यावेशन में कसी अनियमितता या अवैधता के आधार पर या किसी भी अन्य आधार पर चाहे वह कुछ भी क्यों न हो अपने उन्मोचन का दावा करने का हकदार नहीं होगा, और पूर्वोक्त रूप में जो व्यक्ति ऐसा वेतन लेता रहा है और जिसका नाम रोल पर रहा है, यदि वह अपने अभ्यावेशन से तीन मास के अवसान के पूर्व अपने उन्मोचन का दावा करता है तो जब तक उसके दावे के अनुसरण में उसे उन्मोचित नहीं कर दिया जाता, कोई भी ऐसी अनियमितता या अवैधता या अन्य आधार न तो इस अधिनियम के अधीन अभ्यावेशित किए गए व्यक्ति के रूप में उसकी स्थिति पर प्रभाव डालेगा और न उसके उन्मोचन से पूर्व की गई किसी कार्यवाही, कार्य या बात को अविधिमान्य करेगा।
शपथ दिलाने का ढंग- जब कि उस व्यक्ति के बारे में जिसे शपथ दिलायी जानी है, यह रिपोर्ट है कि वह कर्तव्य के योग्य है या जब कि ऐसा व्यक्ति परिवीक्षा की विहित कालावधि पूरी कर चुका है, तब उसके कोर या उसके ऐसे प्रभाग के समक्ष या उसके विभाग के ऐसे सदस्यों के समक्ष, जो उपस्थित हों, उसके कमान ऑफिसर द्वारा या किसी अन्य विहित व्यक्ति द्वारा विहित रूप में शपथ दिलाई जाएगी या उससे प्रतिज्ञान कराया जाएगा। इस धारा के अधीन विहित शपथ या प्रतिज्ञान के प्ररूप में यह प्रतिज्ञा अंतर्विष्ट होगी कि वह व्यक्ति जिसे शपथ दिलायी जानी है, विधि द्वारा स्थापित भारत के संविधान के प्रति सत्यनिष्ठा रखेगा कि वह नियमित सेना में सेवा करेगा तथा भूमि, समुद्र या वायु मार्ग से जहां कहीं जाने का उसे आदेश दिया जाएगा, और कि वह अपने उपरिस्थापित किसी आफिसर के सब समादेशों का अपने जीवन की जोखिम उठाकर भी पालन करेगा। यह तथ्य कि अभ्यावेशित व्यक्ति ने वह शपथ ले ली है या प्रतिज्ञान कर लिया है
शपथ दिलाने का ढंग- जब कि उस व्यक्ति के बारे में जिसे शपथ दिलायी जानी है, यह रिपोर्ट है कि वह कर्तव्य के योग्य है या जब कि ऐसा व्यक्ति परिवीक्षा की विहित कालावधि पूरी कर चुका है, तब उसके कोर या उसके ऐसे प्रभाग के समक्ष या उसके विभाग के ऐसे सदस्यों के समक्ष, जो उपस्थित हों, उसके कमान ऑफिसर द्वारा या किसी अन्य विहित व्यक्ति द्वारा विहित रूप में शपथ दिलाई जाएगी या उससे प्रतिज्ञान कराया जाएगा। इस धारा के अधीन विहित शपथ या प्रतिज्ञान के प्ररूप में यह प्रतिज्ञा अंतर्विष्ट होगी कि वह व्यक्ति जिसे शपथ दिलायी जानी है, विधि द्वारा स्थापित भारत के संविधान के प्रति सत्यनिष्ठा रखेगा कि वह नियमित सेना में सेवा करेगा तथा भूमि, समुद्र या वायु मार्ग से जहां कहीं जाने का उसे आदेश दिया जाएगा, और कि वह अपने उपरिस्थापित किसी आफिसर के सब समादेशों का अपने जीवन की जोखिम उठाकर भी पालन करेगा। यह तथ्य कि अभ्यावेशित व्यक्ति ने वह शपथ ले ली है या प्रतिज्ञान कर लिया है
saving score / loading statistics ...