Text Practice Mode
साँई कम्प्यूटर टायपिंग इंस्टीट्यूट गुलाबरा छिन्दवाड़ा म0प्र0 संचालक:- लकी श्रीवात्री मो0नां. 9098909565
created May 24th 2022, 04:42 by lucky shrivatri
2
461 words
12 completed
0
Rating visible after 3 or more votes
00:00
अपीलार्थियों को जबलपुर जिले में स्थित रोजड़ी के सहायक सेशन न्यायाधीश द्वारा तारीख 03.02.2011 के दोषसिद्धि और दंडादेश के निर्णय द्वारा भारतीय दंड संहिता की धाराओं 364/34 के अधीन दंडनीय अपराध के लिए दोषी पाया गया और प्रत्येक को 8 वर्ष के कठोर कारावास भोगने के लिए दंडादिष्ट किया गया और साथ ही यह निर्देश भी दिया गया कि यदि उन्होंने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 428 के निबंधनों के अनुसार विचारण के अनुक्रम के दौरान किसी अवधि का कारावास भोग लिया हो तो उसको मुजरा किया जाएगा। उक्त आदेश से व्यथित होकर अपीलार्थियों द्वारा प्रस्तुत अपील फाइल की गई। अभियोजन के पक्षकथन में विद्यमान शैथिल्य और विसंगतताओं को ध्यान में रखते हुए हत्या के प्रयोजनार्थ अपहरण के संबंध में अभियोजन के वृत्तांत की शुद्धता संदेहास्पद हो जाती और इसी आधार पर प्रतिरक्षा साक्षी की स्वीकारोक्ति अभियोजन के पक्षकथन और अपीलार्थियों के पक्षकथन में कोई सुधार नहीं कर सकती, अत: विद्वान् विचारण न्यायालय द्वारा अभिलिखित निष्कर्ष दूषित पाए जाते हैं और तद्नुसार उनको अपास्त किया जाता है। अपीलार्थियों रवि यादव और प्रिया यादव को 2020 के सेशन विचारण संख्या 132 और 2020 के सेशन विचारण संख्या 65 में जबलपुर जिला के रोजड़ी नामक स्थान के सहायक सेशन न्यायाधीश द्वारा पारित तारीख 03.02.2011 के दोषसिद्धि और दंडादेश के निर्णय द्वारा भारतीय दंड संहिता की धाराओं 364/34 के अधीन दंडनीय अपराध के लिए दोषी पाया गया और प्रत्येक को 8 वर्ष के कठोर कारावास भोगने के लिए दंडादिष्ट किया गया और साथ ही यह निर्देश भी दिया गया कि यदि उन्होंने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 428 के निबंधनों के अनुसार विचारण के अनुक्रम के दौरान किसी अवधि का कारावास भोग लिया हो तो उसको मुजरा किया जाएगा। अभि. सा. 6 विनोद यादव ने तारीख 01.09.1999 को अपराह्न 10 बजे एक फर्दबयान अन्य बातों के साथ यह अभिकथित करते हुए अभिलिखित कराया था कि वह अपराह्न लगभग 7:30 बजे वह अपने पुत्र राहुल यादव के साथ दरवाजा से अपने घर की ओर जा रहे थे, किंतु रास्ते में रवि यादव, प्रिया यादव, विनोद यादव, भगवती यादव और 3-4 अन्य अज्ञात व्यक्ति आयुधों से लैस होकर प्रकट हुए और उन्होंने उसके पुत्र सुमित यादव का पकड़ लिया और ग्राम के दक्षिणी भाग की ओर घसीट कर ले गए। उसने अपने परिवार के सदस्यों के साथ जिनमें उसके अन्य पुत्र पवन यादव और रमेश यादव भी सम्मिलित थे, शोर मचाया किंतु अभियुक्तों ने उनकी तरफ ध्यान नहीं दिया और न ही उसके पुत्र को छोड़ा। वे उसको अपने साथ ले गए। इस घटना के पीछे यह उद्देश्य दर्शित किया गया है कि वह (रवि यादव) पवन शर्मा नामक एक व्यक्ति से एक भूमि खरीदने में सफल हो गया था। अभियुक्त रमेश यादव भी उसी जमीन की खरीद का दावेदार था और वह इसी कारणवश कुंठित था जिसके परिणामस्वरूप उसने इस घटना को कारित किया।
saving score / loading statistics ...