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ACADEMY FOR STENOGRAPHY, MORENA,DIR- BHADORIYA SIR TYPING MPHC DISTRICT COURT AG-3

created May 23rd 2022, 11:53 by ThakurAnilSinghBhado


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अब तक उम्‍मीद  तो यही रही है कि चीन पूर्वी लद्दाख में चल रहे सीमा विवाद को जल्‍द  सुलझाएगा। लेकिन पिछले दो साल में उसकी तरफ से एक बार भी ऐसा कोई संकेत नहीं आया जिससे जरा भी यह लगे कि वह इस मसले को सुलझाना चाहता है और भारत के साथ दोस्‍ताना  रिश्‍ते  बनाने का इच्‍छुक  है। बल्कि  वह आए दिन कुछ कुछ ऐसा करता दिखता है जिससे भारत भड़के हाल में ऐसी खबरें आई हैं कि चीन ने पैंगोंग झील इलाके में एक और पुल बनाना शुरू कर दिया है। जिस जगह यह पुल बनाया जा रहा है, उस पर वह छह दशक से अपना दावा ठोकता रहा है।सन 1960 से उसने इस इलाके पर अवैध कब्‍जा  कर रखा है, जिसे भारत ने कभी मान्‍यता  नहीं दी। अगर यह इलाका उसके वैध कब्‍जे  में होता, उसके देश का हिस्‍सा  होता तो भारत को आपत्ति  ही क्‍यों  होती! मुद्दे की बात यह है कि जब उस क्षेत्र पर उसका अधिकार ही नहीं है तो फिर वहां किसी भी तरह का निर्माण कर उसे तनाव पैदा करने वाले काम करना ही नहीं चाहिए। जाहिर है, ऐसा करने के पीछे उसका मकसद भारत को उकसाने और धमकाने का ही रहा है।गौरतलब है कि पैंगोंग झील इलाके में चीन ने एक पुल पहले ही बना लिया था। अब इसके समांतर दूसरा पुल भी बना रहा है। उपग्रह से मिली तस्‍वीरों  से भी यह स्‍पष्‍ट  हो चुका है। इससे एक बात तो साफ है कि पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में चीन अपनी मोर्चाबंदी मजबूत कर रहा है। वह यहां स्‍थायी  और बड़ा  सैन्‍य  ठिकाना बनाने में जुट गया है। दूसरा पुल बनाने के पीछे उसका मकसद वहां जल्‍द  बड़ी  संख्‍या में  अपने सैनिक तैनात करने का है।
जून 2020 में गलवान घाटी विवाद के बाद उसकी गतिविधियां तेजी से बढ़ी  हैं। हालांकि गलवान घाटी की घटना के बाद उपजे तनाव को खत्‍म  करने के लिए दोनों देशों के बीच वार्ताओं के दौर चल रहे हैं। सैन्‍य  कमांडरों की अब तक पंद्रह दौर की बातचीत हो चुकी है। कूटनीतिक स्‍तर  पर भी वार्ताएं हुई हैं। लेकिन ऐसे सारे प्रयास तब निरर्थक होने लगते हैं  
 
 

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