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साँई कम्प्यूटर टायपिंग इंस्टीट्यूट गुलाबरा छिन्दवाड़ा म0प्र0 संचालक:- लकी श्रीवात्री मो0नां. 9098909565
created May 18th 2022, 04:24 by lucky shrivatri
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मई की भीषण गर्मी में सुबह से सवारी की राह देखता पसीने से तर एक बुजुर्ग रिक्शा वाला शॉपिंग मॉल से निकली दो महिलाओं से पूछता है- मैडम जी, रिक्शा चाहिए क्या? पहाड़गंज चलोगे क्या। भाड़ा क्या लोगे महिला ने पूछा। रिक्शा वाला, मैडम जी 40 रूपए लगते हैं, आप 30 रूपए दे देना। महिला 20 रूपए लेना है तो चलो नहीं तो ऑटो से चले जाएंगे। इतनी गर्मी में कौन रिक्शे में बैठेगा। बीमार पत्नी की दवा लेनी है, यह याद आते ही मजबूरी का मारा बेचारा तैयार हो जाता है। दोनों महिलाएं आंखों ही आखों में मुस्कुराती हुई रिक्शे में बैठ जाती है। महिला सहेली से कहती है, देखा में कितनी अच्छी तरह से मोल-भाव करती हूं। फिर वह अपना पर्स सहेली को दिखा खुश होती है और कहती हैं, यदि दुकानदार मुझसेे इसके दो हजार भी मांगता तो मैं दे देती। मॉल में मोल-भाव करके अपनी इज्जत थोड़े ही खराब करनी है। रिक्शे वाला मन ही मन अपनी बेबसी पर रोते हुए- हां मैडम जी एक गरीब से भाव कर पैसे बचाने से तो आपकी इज्जत बढ़ती है।
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