Text Practice Mode
बंसोड कम्प्यूटर टायपिंग इन्स्टीट्यूट मेन रोड़ गुलाबरा छिन्दवाड़ा म0प्र0 मो.नं.8982805777
created May 9th 2022, 01:40 by Ashu Soni
0
226 words
25 completed
0
Rating visible after 3 or more votes
00:00
एक समय की बात है, एक जंगल में एक शरारती बंदर रहा करता था। वह बन्दर सभी को पेड़ों से फल फेक–फेक करके मारा करता था। गर्मी का मौसम था पेड़ों पर खूब ढ़ेर सारे आम लगे हुए थे।बंदर सभी पेड़ों पर घूम-घूमकर आमो का रस चूसता और खूब मजे करता। नीचे आने–जाने वाले जानवरों पर वह ऊपर से बैठे-बैठे आम फेंक कर मारता और खूब हंसता। एक समय हाथी उधर से गुजर रहा था। बंदर जो पेड़ पर बैठकर आम खा रहा था, वह अपने शरारती दिमाग से लाचार था।
बन्दर ने हाथी पर आम तोड़कर मारा। एक आम हाथी के कान पर लगी और एक आम उसके आंख पर लगी। इससे हाथी को गुस्सा आया। उसने अपना सूंढ़ ऊपर उठाकर बंदर को गुस्से में लपेट लिया और कहा कि मैं आज तुझे मार डालूंगा तू सब को परेशान करता है। इस पर बंदर ने अपने कान पकड़ लिए और माफी मांगी। अब से मैं किसी को परेशान नहीं करूंगा और किसी को शिकायत का मौका नहीं दूंगा। बंदर के बार बार माफी मांगने और रोने पर हाथी को दया आ गई उसने बंदर को छोड़ दिया। कुछ समय बाद दोनों घनिष्ट मित्र हो गए। बंदर अब अपने मित्र को फल तोड़–तोड़ कर खिलाता और दोनों मित्र पूरे जंगल में घूमते थे। किसी को परेशान नहीं करना चाहिए उसका परिणाम बुरा ही होता है।
बन्दर ने हाथी पर आम तोड़कर मारा। एक आम हाथी के कान पर लगी और एक आम उसके आंख पर लगी। इससे हाथी को गुस्सा आया। उसने अपना सूंढ़ ऊपर उठाकर बंदर को गुस्से में लपेट लिया और कहा कि मैं आज तुझे मार डालूंगा तू सब को परेशान करता है। इस पर बंदर ने अपने कान पकड़ लिए और माफी मांगी। अब से मैं किसी को परेशान नहीं करूंगा और किसी को शिकायत का मौका नहीं दूंगा। बंदर के बार बार माफी मांगने और रोने पर हाथी को दया आ गई उसने बंदर को छोड़ दिया। कुछ समय बाद दोनों घनिष्ट मित्र हो गए। बंदर अब अपने मित्र को फल तोड़–तोड़ कर खिलाता और दोनों मित्र पूरे जंगल में घूमते थे। किसी को परेशान नहीं करना चाहिए उसका परिणाम बुरा ही होता है।
saving score / loading statistics ...