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बंसोड कम्प्यूटर टायपिंग इन्स्टीट्यूट गुलाबरा छिन्दवाड़ा म0प्र0 (म0प्र0 हाईकोर्ट डिक्टेशन की तैयारी करवायी जाती है) मो0नं0 8982805777
created May 8th 2022, 06:20 by shilpa ghorke
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मामले का सार इस प्रकार है कि तारीख 2 मई, 2002 को 6:30 बजे अपरान्ह में रोहित सिंह नाम के एक व्यक्ति ने पुलिस थाना, बारासदर के भारसाधक अधिकारी को टेलिफोन कर ग्राम पंचायत नयागांव से यह सूचना दी कि एक महिला का शव तालाब के निकट नयागांव की सड़क के किनारे पड़ा है यह सूचना रोजनामचे मे मृतक संख्या 182(प्रदर्श पी 4) के रूप में पुलिस थाना बारा में दर्ज कराई गई। थाने का भारसाधक अधिकारी अन्य पुलिस कार्मिकों के साथ घटना स्थल पर पहुंचा जहां मोहित सिंह अर्थात मृतका श्रीमती रेखा के भाई ने उसे एक लिखित रिपोर्ट प्रदर्श पी 4 प्रस्तुत की जिसमें यह अभिकथन किया गया था कि तारीख 5 मई, 2002 को लगभग 6:30 से 7 बजे अपरान्ह मे उसकी बहन श्रीमती रेखाबाई अर्थात् महेंद्र सिंह की पत्नी निवासी शिवनगर रोज ही पैदल आटा लेने के लिए नयागांव जा रही थी। उस समय, ग्राम की पूर्व की ओर मुकेश कुमार, पवन कुमार पुत्र रमेश कुमार निवासी सांवरी ने पारी के निकट जो नयागांव की ओर जाने वाली सड़क के किनारे पर थी, रेखा के साथ मारपीट की और उन्होंने उसके सिर और चेहरे पर पत्थरों से मार-मारकर कुचल दिया जिसके परिणामस्वरूप उसकी बहन रेखा की घटना स्थल पर ही मृत्यु हो गई। यह भी कथन किया गया है कि उमेश पुत्र सुरेंद्र सिंह और प्रमोद सिंह पुत्र मुकेश निवासी ग्राम शिवनगर रोजरी में इस घटना को देखा है। उनके शोर मचाये जाने पर, कमल पुत्र मुन्नालाल राजू पुत्र रामलाल दिनेश पुत्र रामेश्वर जो सभी जाति से वर्मा थे अर्थात् शिवनगर रोजरी के निवासी थे, घटना स्थल पर आये और उन्होंने देखा कि मुकेश जंगल की ओर अपने हाथ मे थैला लिये दौड रहा है। मुकेश रमेश कुमार खेत मे घर पहुचा और थैली मवेशियों के लिए बनाया गया तालाब मे कूद गया। उसने अपने कपड़ो को जूतो पर लगे रक्त के धब्बों को धोने का प्रयास किया और उसी समय उन्होने रमेश कुमार मुकेश कुमार को पकड़ लिया और उसे पुलिस को सौंप दिया। यह अभिकथन किया गया है कि इस घटना ने मुकेश कुमार के अतिरिक्त अन्य व्यक्तियों ने भी संभवत: कार्य किया है अपराधियों के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही किये जाने और उन्हें दंडित किये जाने का निवेदन किया गया। उपरोक्त रिपोर्ट के प्राप्त होने पर, 2002 की प्रथम इत्तिला रिपोर्ट संख्या 126 दंड संहिता की धारा 302 और 201 के अधीन दर्ज कराई गई और अन्वेषण आरंभ किया गया। पश्चात मृतका का शव परीक्षण कराया गया।
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