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created Jan 25th 2022, 10:26 by rohittyping2


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"क्रांति" शब्द से साधारणतया आकस्मिक उथल-पुथल का बोध होता है। लेकिन औद्योगिक क्रांति के साथ हम वैसी बात नहीं पाते हैं। साधारणतः लोहे, काँसे और दूसरी-दूसरी चीजों के उत्पादन के ढंग में आमूल परिवर्तन को "औद्योगिक क्रांति" की संज्ञा दी जाती है। दस्तकारी के स्थान पर वैज्ञानिक अनुसंधानों के परिणामस्वरूप कारखानों का जन्म हुआ, उत्पादन में वृद्धि हुई। संक्षेप में, औद्योगिक क्रांति का अभिप्राय उन परिवर्तनों से है जिन्होंने यह संभव कर दिया कि मनुष्य उत्पादन के प्राचीन तरीकों को छोड़कर बड़ी मात्रा बड़े-बड़े कारखानों में वस्तुओं का उत्पादन कर सके। इतिहासकार रायकर ने औद्योगिक क्रान्ति को परिभाषित करते हुए कहा है कि - "दस्तकारी के स्थान पर वास्पयंत्रों द्वारा चालित उत्पादन और यातायात की प्रक्रियाओं में सामान्य रूप से परिवर्तन लाना ही औद्योगिक क्रांति थी।" इंगलैंड में औद्योगिक क्रान्ति की नींव पहले से ही तैयार की जा रही थी। इंगलंृड का व्यवसायी वर्ग अन्य देशों के व्यवसायी वर्ग की अपेक्षा अधिक कुशल और साहसी था। व्यापार की उन्नति के लिए उनमें अधिक लगन और स्वाभाविक प्रेरणा थी। इंगलैंड का व्यवसायिक वर्ग सरकारी हस्तक्षेप से मुक्त था। इंगलैंड की सरकार भी व्यापारियों के कार्यों में सहायता देती थी। परिस्थिति की सुगमता के अतिरिक्त सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक परिस्थतियों के कारण भी औद्योगिक क्रांति सर्वप्रथम इंगलैंड में हुई। इंग्लैंड की आंतरिक स्थिति 1688 ई। की क्रांति के फलस्वरूप इंग्लैंड संसदीय शासन-पद्धति की स्थापना हुई। जनसाधारण के अधिकार सुरक्षित हो चुके थे। राजनीतिक और धार्मिक अत्याचार से मुक्ति पाकर लोग आर्थिक विकास की ओर अग्रसर हुए। गृहयुद्ध और बाह्य आक्रमण की कोई आशंका नहीं थी। आंतरिक शान्ति और सुदृढ़ता व्यापार की प्रगति में सहायक हुई। लेकिन अन्य दूसरे-दूसरे देश राजनीतिक उलझनों में ही फँसे थे। मध्यम वर्ग का उदय सतरहवीं सदी में व्यापारिक क्रांति के कारण मध्यम वर्ग की शक्ति बढ़ी। किन्तु अब भी सामंती प्रतिबंधों के कारण मध्यम वर्ग के वाणिज्य-व्यापार और उद्योग-धंधों की प्रगति नहीं हो रही थी। 1740 ई। में इंगलैंड में मध्यम वर्ग ने क्रांति की। क्रांति के फलस्वरूप एक नयी व्यवस्था कायम हुई। नयी व्यवस्था में पुराने सामंती प्रतिबंधों छुटकारा मिलने और उद्योगपतियों के हाथ में शक्ति जाने के कारण इंग्लैंड में उद्योग-धंधों की काफी प्रगति हुई। चूँकि इंगलैंड में मध्यम वर्ग के हाथ में राजनीतिक सत्ता फ्रांस और अमेरिका से पहले आई थी, इसलिए औद्योगिक क्रांति का प्रारम्भ भी पहले-पहल इंगलैंड में हुआ। पूँजी की अधिकता इंगलैंड का व्यापार पूर्वी और पश्चिमी द्वीप समूहों से होता था। इससे इंगलैंड को अधिक मुनाफा प्राप्त होता था। देश में पूँजीवादी व्यस्था दिन-प्रतिदिन जोर पकड़ती जा रही थी। बची हुई पूँजी का उपयोग लोग उत्पादन बढ़ाने में करने लगे। उत्पादन बढ़ने से औद्योगिक क्रांति को प्रोत्साहन मिला। बैंक-प्रणाली के विकास से भी धन इकठ्ठा करने में मदद मिली। वस्तुओं की बढ़ती हुई माँग अठारहवीं शताब्दी के युद्ध के परिणाम भी औद्योगिक क्रांति की प्रगति में सहायक सिद्ध हुए। इंगलैंड पेशेवर सिपाहियों के लिए युद्ध-सामग्री तैयार करता था। सामानों की बढ़ती हुई माँग ने उत्पादन के तरीके और साधन में परिवर्तन को आवश्यक बना दिया था। ऐसी परिस्थिति पैदा हो गयी थी कि लोगों को बड़े पैमानों पर वस्तुओं के उत्पादन में अपनी बुद्धि लगानी पड़ी।  

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