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created Jan 24th 2022, 12:06 by Ashu Soni


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यह केवल विचित्र है, बल्कि हास्‍यास्‍पद भी कि दिल्‍ली में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा स्थापित करने के केंद्र सरकार के निर्णय को बंगाल की मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी संकीर्ण नजरिये से देख रही हैं। जिस फैसले पर उन्‍हें खुश होना चाहिए, उस पर उन्‍होंने मीन-मेख निकालना बेहतर समझा। शायद उनके इसी रवैये के कारण कोलकाता में तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने भाजपा सांसद अर्जुन सिंह को नेताजी की प्रतिमा पर माल्‍यार्पण करने से रोका। राष्‍ट्र के नायकों और अन्‍य महापुरुषों के सम्‍मान के मामले में ऐसी संकीर्णता नई नहीं है। वास्‍तव में इसी संकीर्णता के चलते कांग्रेस ने सत्‍ता में रहते समय देश के तमाम नायकों को वांछित सम्‍मान प्रदान करने से इन्‍कार किया। यह किसी से छिपा नहीं कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस और सरदार पटेल से लेकर लालबहादुर शास्‍त्री तक की किस तरह उपेक्षा हुई? एक ओर जहां नेहरू-गांधी परिवार के लोगों के नाम पर देश भर में तमाम संस्‍थान एवं स्‍मारक बनाए गए, वहीं दूसरी ओर अन्‍य नायकों को विस्‍मृत सा कर दिया गया। इतना ही नहीं, उन्‍हें वे सम्‍मान भी नहीं दिए गए, जो नेहरू-गांधी परिवार के सदस्‍यों को उनके सेवाकाल में ही दे दिए गए। ऐसा करके यही संदेश दिया गया कि देश को आजादी दिलाने और स्‍वतंत्रता के उपरांत उसे आगे ले जाने का काम परिवार विशेष के लोगों ने ही किया। यही कारण रहा कि बीते दिनों प्रधानमंत्री ने सोमनाथ मंदिर के निकट नए सर्किट हाउस का उद्घाटन करते हुए यह कहा कि आजादी के बाद कुछ परिवारों के लिए ही नए निर्माण किए गए। उन्‍होंने यह भी कहा कि उनकी सरकार ने देश को इस संकुचित सोच से बाहर निकाला। यह एक तथ्‍य है कि पिछले सात वर्षो में इस दिशा में अनेक काम किए गए हैं और इस क्रम में भूले-बिसरे नायकों को यथोचित सम्‍मान प्रदान किया गया है। इसी कड़ी में इंडिया गेट पर नेताजी की प्रतिमा स्‍थापित होने जा रही है। यह प्रतिमा उस स्‍थल पर स्‍थापित होगी, जहां जार्ज पंचम की प्रतिमा थी और जो आजादी के बाद भी लंबे समय तक लगी रही। पता नहीं ऐसा क्‍यों हुआ, लेकिन यह सहज ही समझा जा सकता है कि इसके पीछे कहीं कहीं ब्रिटिश राज की विरासत को बनाए रखने की इच्‍छा थी। इससे भी अजीब यह है कि कुछ लोगों को यह रास नहीं रहा कि अंग्रेजों के बनाए स्‍थल पर प्रज्‍वलित अमर जवान ज्‍योति को राष्‍ट्रीय युद्ध स्‍मारक की ज्‍योति में विलीन करने का फैसला लिया गया।

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