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ACADEMY FOR STENOGRAPHY, MORENA,DIR- BHADORIYA SIR TYPING MPHC JUNIOR JUDICIAL ASSISTANT

created Jan 22nd 2022, 10:26 by ThakurAnilSinghBhado


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राजधानी दिल्‍ली में कोरोना संक्रमण से होने वाली मौतों का बढ़ता आंकड़ा चिंता पैदा करने वाला है। गुरुवार को तैंतालीस संक्रमित मरीजों की मौत हुई थी। तीसरी लहर में एक दिन में संक्रमण से हुई ये सबसे ज्‍यादा मौतें हैं। एक जनवरी से अब तक साढ़े तीन सौ से ज्‍यादा संक्रमितों की जान जा चुकी है जाहिर है, मामला गंभीर है हालांकि दिल्‍ली सरकार ने संक्रमण के मामलों में कमी आने का दावा किया है। साथ ही सक्रिय मामलों में भी कमी आने की बात कही जा रही है। ऐसे में अगर मौतों का आंकड़ा बढ़ता है तो यह निश्चित ही चिंता की बात है। इससे यह चिंता होना भी स्‍वाभाविक है कि संक्रमण कहीं ज्‍यादा घातक रूप ले ले। वैसे दिल्‍ली सरकार ने सभी मृतकों की जीनोम अनुक्रमण करवाने को कहा है, ताकि पता चल सके कि विषाणु के किस स्‍वरूप की वजह से ये मौतें हुईं। हालांकि ऐसा भी कहा जा सकता है कि मरने वाले संक्रमित मरीजों में ज्‍यादातर लोग किसी किसी गंभीर बीमारी से पहले से ग्रस्‍त थे। काफी जद्दोजहद के बाद सुप्रीम कोर्ट ने स्‍नातक और स्‍नातकोत्‍तर चिकित्‍सा पाठ्यक्रमों के लिए राष्‍ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा के माध्‍यम से होने वाले दाखिले में अन्‍य पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण की अनुमति दे दी है। अदालत से साफतौर पर कहा है कि नीट-पीजी और यूजी प्रवेश के लिए अखिल भारतीय कोटे में ओबीसी आरक्षण मान्‍य है। इसका मतलब यह है कि चिकित्‍सकों की भर्ती में होने वाले देरी को लेकर जो चिंता जताई जा रही थी, अब वह प्रक्रिया आगे बढ़ सकेगी। इस फैसले के साथ नीट-पीजी में दाखिले की बाधित राह खुली है, लेकिन ओबीसी और आर्थिक रूप से कमजोर सामान्‍य वर्गों यानी ईडब्‍लूएस के लिए आरक्षण को लेकर शीर्ष अदालत का जो स्‍पष्‍ट रुख सामने आया है वह इस मसले पर चल रही कई बहसों के लिए एक तरह से जरूरी जवाब भी है अदालत के मुताबिक अनुच्‍छेद 15(4) और 15(5) हर देशवासी को मौलिक समानता देते हैं। साथ ही प्रतियोगी परीक्षाएं उत्‍कृष्‍टता, व्‍यक्तियों की क्षमताओं को नहीं दर्शाती हैं।   

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