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बंसोड कम्‍प्‍यूटर टायपिंग इन्‍स्‍टीट्यूट मेन रोड़ गुलाबरा छिन्‍दवाड़ा म0प्र0 मो.नं.8982805777

created Jan 22nd 2022, 03:33 by Ashu Soni


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शहर जाने के लिए दूधवाले को गॉंव की नदी पार करनी पड़ती थी। वह नाव से नदी पार कर शहर जाता था और अपने ग्राहकों को दूध बेचकर नाव से ही वापस गॉंव जाता था। दूधवाला एक बेईमान व्‍यक्ति था। नदी पार करते समय वह रोज दूध में नदी का पानी मिला देता और पानी मिला दूध अपने ग्राहकों को बेचा करता था। इस तरह वह बहुत मुनाफा कमाया करता था।
एक दिन ग्राहकों से दूध के पैसे इकट्ठे कर दूधवाला शहर के बाजार चला गया। कुछ ही दिनों में उसके बेटे का विवाह था। उसने बाजार से ढेर सारे कीमती कपड़े, गहनें और आवश्‍यक सामग्रियॉं खरीदी। ख़रीददारी करते-करते उसे शाम हो गई। शाम को सारा सामान लेकर वह गॉंव लौटने के लिए नाव से नदी पार करने लगा। नाव में लदे सामान का भार अधिक था, जिसे नाव झेल नहीं पाई और असंतुलित होकर पलट गई। दूधवाले ने जैसे-तैसे अपनी जान बचा ली। किंतु कीमती सामानों को नहीं बचा पाया। सारा सामान नदी की तेज धार में बह गया। कीमती सामान से हाथ धो देने के बाद दूधवाला दु:खी हो गया और नदी किनारे बैठकर जोर-जोर से विलाप करने लगा। तभी नदी से एक आवाज आई, रोते क्‍यों हो भाई? तुमने वही गंवाया है, जो धोखा देकर कमाया था। दूध में पानी मिलाकर जो तुमने कमाया, वो पानी में ही चला गया। अब रोना बंद करो। ये तुम्‍हारी बेईमानी का फल था। अपने काम में सदा ईमानदारी रखे। बेईमानी से कमाया धन कभी नहीं टिकता।
 
 

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