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साँई कम्‍प्‍यूटर टायपिंग इंस्‍टीट्यूट गुलाबरा छिन्‍दवाड़ा म0प्र0 संचालक:- लकी श्रीवात्री मो0नां. 9098909565

created Jan 11th 2022, 03:05 by sandhya shrivatri


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कभी-कभी ज्‍यादा सोचना दु:खदायी बन जाता है। आज इंसान अच्‍छा काम करने से पहले बहुत सोचता है। हां, बुरा काम करते समय ज्‍यादा विचार नहीं करता। किसी को गाली देनी है, किसी का अहित करना है, किसी से मारपीट करनी है, तो व्‍यक्ति तुरंत ही सक्रिय हो जाता है। अच्‍छे कार्य शीघ्र पूरे करने के लिए ही संत कबीर ने कहा है- काल करे सो आज कर, आज करे सो अब। पल में परलय होएगी, बहुरि करेगा कब? लक्ष्‍य और उद्देश्‍य अच्‍छे है, तो उन्‍हें अविलंब अंजाम दे दो। धर्म, ध्‍यान, पूजा, सत्‍संग में विलंब करो। मुश्किल यह है कि आज का इसांन इतना चालाक हो गया है उसने कबीर के इस दाेहे को अपने मन मुताबिक उलट लिया है। याद रहे मन बदलने में देर नहीं लगती है। यह मन बड़ा शैतान है। शुभ काम को यदि कल पर टाल दिया तो यह कभी उसे क्रियान्वित नहीं होने देगा। मन ऐसा चौराहा है, जहां से विचारों के असंख्‍य यात्री लगातार गुजरते रहते है। इस मन में बुरे विचार तेजी से पनपते रहते है, इसलिए सावधान रहना बहुत जरूरी है।  

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