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साँई कम्प्यूटर टायपिंग इंस्टीट्यूट गुलाबरा छिन्दवाड़ा (म0प्र0) संचालक:- लकी श्रीवात्री मो0नां. 9098909565
created Jan 11th 2022, 02:48 by lovelesh shrivatri
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2022 राज्य विधानसभाओं और संसद के लिए बहुत व्यस्त साल रहने वाला है। सबसे पहले, पांच राज्यों में अगले माह होने वाले चुनाव। इसके बाद राज्यसभा के एक तिहाई सदस्यों का कार्यकाल इस साल के मध्य तक पूरा हो जाएगा। राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के संवैधनिक पदों के चुनाव होंगे। साल के अंत में गुजरात और हिमाचल प्रदेश के चुनाव होंगे और नए त्रिकोणाकार संसद भवन का उद्घाटन होगा। सरकार की मंशा इस नए भवन में ही शीतकालीन सत्र की आयोजन की है। जनवरी के अंत में संसद का बजट सत्र शुरू हो जाएगा। सत्र की शुरूआत राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के संबोधन से होगी। वह लोकसभा और राज्यसभा दोनों के सांसदों को संबोधित करेंगे। उनका यह भाषण केंद्र सरकार द्वारा लिखा जाता है। इसमें सरकार के कार्यकाल क लिए सरकार की योजनाओं के संकेत भी मिलेंगे। राष्ट्रपति कोविंद का कार्यकाल इस साल जुलाई में समाप्त होने वाला है। इसलिए राष्ट्रपति के तौर पर यह उनका अंतिम संवोधन होगा। देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद के अलावा कोई राष्ट्रपति दूसरे कार्यकाल के लिए नहीं चुना गया है। उपराष्ट्रपति एवं राज्यसभा के सभापति वेकेया नायडू का कार्यकाल भी अगस्त में समाप्त हो जाएगा। देश के सांसद और विधायक मिल कर 15वें राष्ट्रपति का चुनाव करेंगे और संसद के दोनों सदनों के सदस्य मिल कर अगले उपराष्ट्रपति का चुनाव करेंगे। एक और चुनाव होना बाकी है, वह है लोकसभा उपाध्यक्ष का। यह संवैधानिक पद 2019 के आम चुनाव के बाद 17वीं लोकसभा के गठन के बाद से खाली है। संसद के इतिहास मे पहली बार ऐसा हुआ है कि यह पद इतने लंबे समय के लिए खाली रहा हो। मौजूदा राजस्थान विधानसभा में भी उपाध्यक्ष का पद खाली हें। पिछली सरकार में वसुंधरा राजे के मुख्यमंत्रित्व काल के दौरान भी विधानसभा उपाध्यक्ष चुनने में डेढ़ साल से ज्यादा का समय लगा था। अब तेरहवीं विधानसभा में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कार्यकाल में सदन का उपाध्यक्ष चुनने में तीन साल से ज्यादा समय लग गया। उपाध्यक्ष चुनने में देरी नया चलन है और अन्य विधानसभाओं में भी ऐसा ही देखने में आया है। महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के कार्यकाल में यह संवैधानिक पद चार साल तक रिक्त रहा। उत्तर प्रदेश का उदाहरण सबसे ताजा है, जहां विधानसभा का कार्यकाल समाप्त होने से कुछ ही महीने पहले विधानसभा उपाध्यक्ष का चुनाव कराया गया। उत्तर प्रदेश जैसे देश की सबसे बडी आबादी वाले राज्य में अगले माह विधायक चुने जाएगें। उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में भी चुनाव होंगे। राज्यसभा के 77 सांसदों का कार्यकाल साल के पहले छह महीने में समाप्त हो रहा है। उत्तर प्रदेश और पंजाब के नवनिर्वाचित विधायक 18 सांसदों को चुनोगें, जबकि अन्य राज्यों के विधायक अपने-अपने राज्य से प्रतिनिधित्व करने वाले 52 सांसद चुनेंगे। केंद्र सरकार राज्यसभा के लिए 7 सांसदों का नामांकन करेगी, जिनका कार्यकाल मई तक समाप्त हो जाएगा।
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