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साँई कम्‍प्‍यूटर टायपिंग इंस्‍टीट्यूट गुलाबरा छिन्‍दवाड़ा (म0प्र0) संचालक:- लकी श्रीवात्री मो0नां. 9098909565

created Jan 10th 2022, 13:43 by rajni shrivatri


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भारतीय दंड संहिता की धारा 420 के अनुसार, जो कोई धोखा देता है और इस तरह बेईमानी से धोखा देने वाले व्‍यक्ति को किसी भी संपत्ति को किसी भी व्‍यक्ति के देने के लिए प्रेरित करता है, या संपूर्ण या मूल्‍यवान सुरक्षा के किसी भी हिस्‍से को बदलने या नष्‍ट करने के लिए या कुछ भी जो हस्‍ताक्षरित या मुहरबंद है, और जो सक्षम है या पूर्ण में परिवर्तित किया जा रहा है या किसी मूल्‍यवान प्रतिभूति का कोई भाग, या ऐसी कोई भी चीज जो हस्‍ताक्षरित या मुहरबंद है, और जो सक्षम है या मूल्‍यवान प्रतिभूति में परिवर्तित की जा रही है, दोनों में से किसी भी प्रकार के कारावास से दंडित किया जाएगा, जिसकी अवधि सात वर्ष तक की हो सकती है, और उत्तरदायी होगा सही करने के लिए।  
क्‍या आपके साथ धोखा हुआ है या किसी ने धोखे माध्‍यम से आप लाभ प्राप्‍त किया है। यदि आप इनमें किसी भी कृत्‍य के शिकार हो गए हैं, तो आप धोखा के अपराध का शिकार हुए हैं यह एक ऐसा शब्‍द है जिे हम अक्‍सर अपने दैनिक जीवन में उपयोग करते हैं लेकिन इसके कानूनी पहलुओं को नहीं जानते है।  धोखा देना एक आपराधिक अपराध है ओर कई अन्‍य अपराधों से जुड़ा हुआ है जैसे कि धोखाधड़ी और चेक का अनादर, अनुबंध के उल्‍लंघन के माध्‍यम से धोखा, धोखाधड़ी के उद्देश्‍य के लिए किसी भी मूल्‍यावान दस्‍तावेज की जालसाजी आदि, यह लाभ प्राप्‍त करने के लिए कोई व्‍यक्ति धोखा देता है और इस तरह बेईमानी से किसी व्‍यक्ति को किसी अन्‍य व्‍यक्ति को संपत्ति देने के लिए प्रेरित करता है, तो ऐसे व्‍यक्ति को दूसरे को प्रेरित करना भारतीय दंड संहिता की धारा 420 के तहत कानूनी रूप से जिम्‍मेदार है।  
 
 
 
 
 
 

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