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सॉंई कम्प्यूटर टायपिंग इंस्टीट्यूट गुलाबरा छिन्दवाड़ा म0प्र0 सीपीसीटी न्यू बैच प्रारंभ संचालक:- लकी श्रीवात्री मो0नं. 9098909565
created Jan 10th, 05:45 by Jyotishrivatri
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इंडोनेशिया में एक पिता अपने बेटे को स्कूल ले जाने लगे तो लड़का बोला, पिताजी, स्कूल में सब लड़के मेरा मजाक उड़ाते हैं। मैं पढ़ने नहीं जाऊंगा। पिता ने बड़े प्यार से लड़के को समझाया, यह कोई नई बात नहीं है। सभी साथी नये आने वाले लड़कों का मजाक उड़ाते ही है। यह भी आपस में जान-पहचान करने का एक तरीका है, लेकिन सिर्फ इसी कारण से कोई स्कूल जाना बंद नहीं कर देता है। थोडे दिनों वे सभी तुम से हिल-मिल जाएंगे। तुम्हारे दोस्त भी बन जाएंगे। पिता के लाख समझाने पर भी लड़का अपनी जिद पर अड़ा रहा। इसके बाद कई दिन तक पिता परेशान रहा। लड़के को हर तरह से समझाया पर कोई फायदा नहीं हुआ। फिर उन्होंने अपनी समस्या, अपने एक दोस्त को बताई। पिता के दोस्त लड़के को एक झरने पर ले गए। वहां उन्होंने एक बड़ा सा पत्थर उठाकर झरने के बीच फेंक दिया और लड़के से कहा, यह पत्थर झरने के बहाव में रूकावट डाल देगा। कुछ क्षणों के लिए हुआ भी यही। पानी का बहाव रूक गया, लेकिन फिर थोड़ी देर में पानी अपनी गति से बहने लगा। फेंका हुआ पत्थर पानी में डूब गया। इसके बाद पिता के दोस्त ने लड़के से कहा, झरने में फेंके गए पत्थर से पानी थोड़ी देर के लिए तो रूका पर उस रूकावट पर विजय पाकर पानी पहले की तरह आगे बढ़ने लगा। फिर तुम मनुष्य होकर छोटी-मोटी बाधाओं से क्यों घबराते हो। रूकावट और बाधाओं का धैर्य के साथ दृढ़ता से सामना कर अपना प्रयास जारी रखना चाहिए। यह देख लड़के का खोया हुआ आत्मविश्वास जाग गया। उसने अगले दिन से बिना किसी भय और संकोच के स्कूल जाना शुरू कर दिया। कुछ ही दिनों में उसके सभी सहपाठी दोस्त बन गए। उस लड़के का नाम सुकर्णो था, जो आगे चलकर अपने देश का राष्ट्रपति बना।
सीख- विपत्तियों से घबराएं नहीं, उनका डटकर मुकाबला करें।
सीख- विपत्तियों से घबराएं नहीं, उनका डटकर मुकाबला करें।
