eng
competition

Text Practice Mode

बंसोड कम्‍प्‍यूटर टायपिंग इन्‍स्‍टीट्यूट मेन रोड़ गुलाबरा छिन्‍दवाड़ा प्रवेश प्रारंभ मो0नं0 8982805777 प्रो.सचिन बंसोड

created Nov 26th 2021, 14:33 by neetu bhannare


3


Rating

341 words
20 completed
00:00
धारा 323,324,325,326  के बारे में पूरी जानकारी देंगे यह धारा कब और किस किस घटना पर आपको लग सकती है. वैसे तो आम घटनाएं आपके आसपास होती ही रहती है. लेकिन वह घटना है पुलिस तक नहीं पहुंचती है. और आपसी सहमति से ही फैसला किया जा सकता है. गुस्‍से में आकर या वैसे ही लोग पुलिस में शिकायत दर्ज करवा देते हैं. आजकल के समय में जैसे आम घटना किसी को थप्‍पड़ मारना ऐसे मामलों की शिकायत की जा सकती है. इसलिए इस तरह की घटनाओं पर पुलिस सीधे एफआईआर दर्ज नहीं करती है. क्‍योंकि इस तरह की घटनाएं संज्ञेय अपराध में नहीं आती है. इसलिए पुलिस एफआईआर दर्ज नहीं करती है. लेकिन अगर फिर भी वह आदमी चाहता है. कि इसके खिलाफ शिकायत दर्ज की जानी चाहिए. तो वह इस मामले के लिए अदालत के सामने अर्जी दाखिल करके एफआईआर  दर्ज करने की अपील की जा सकती है. आम तौर पर होने वाली मारपीट में मामले में आईपीसी कि धारा 323 के अनुसार केस दर्ज किया जाता है. और शिकायत के लिए पहले अदालत को फैसला करना पड़ता है. फिर उसके बाद शिकायत दर्ज की जाती है. अगर किसी के साथ किसी भी तरह की मारपीट करता है. तो उस आदमी को पहले अपना मेडिकल सर्टिफिकेट तैयार करवा लेना चाहिए यानी एमएलसी क्‍योंकि जब कोर्ट में शिकायत जाएगी तो उसके लिए आपके पास सबूत के तौर पर यह मेडिकल सर्टिफिकेट होना बहुत जरूरी है. और मेडिकल सर्टिफिकेट जब भी किसी के साथ मारपीट होती है. तो किसी भी डॉक्‍टर से करवाया जा सकता है. मेडिकल सर्टिफिकेट में डॉक्‍टरों द्वारा जानकारी दी जाती है.कि घायल व्‍यक्ति को कितनी चोट लगी है उसको किस तरह के हथियार से चोट मारी गई है और यह चोट किस तरह से लगी है यह सभी जानकारी डॉक्‍टर उसे मेडिकल सर्टिफिकेट में लिखता है और उसके साथ-साथ डॉक्‍टर अपनी राय भी लिखता है.कि घायल व्‍यक्ति के इलाज पर कितना खर्च आएगा उसको कितना नुकसान हुआ है. और वह कब तक ठीक होगा यह सभी बातें डॉक्‍टर उस सर्टिफिकेट में अपनी राय में लिखता है.
 
 

saving score / loading statistics ...