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बंसोड कम्प्यूटर टायपिंग इन्स्टीट्यूट मेन रोड़ गुलाबरा छिन्दवाड़ा प्रवेश प्रारंभ मो0नं0 8982805777 प्रो.सचिन बंसोड
created Nov 24th 2021, 04:03 by Sawan Ivnati
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अध्यक्ष महोदय, सामाजिक बुराइयों को दूर करने के लिए हमें कानून भी बनाना होगा और साथ-ही-साथ देश में जनमत भी तैयार करना होगा, ताकि लोग इन बुराइयों के बारे में अच्छी तरह से समझ सकें। जान सके। सदन के सामने अभी दहेज प्रथा के सम्ब्न्ध में जो प्रस्ताव रख गया है वह बुत ही महत्वपूर्ण है यहॉं मैं निवेदन करना चाहता हूँ कि इस पर विस्तार के साथ चर्चा होनी चाहिए और ऐसा कानून बनाया जाये ताकि इस सामाजिक बुराई को जड़ से मिटाया जा सके। यहॉं मैं यह भी मानता हूँ कि इस सामाजिक बुराई को केवल कानून के द्वारा दूर नहीं किया जा सकेगा। हमें कानून के साथ-साथ कुछ सामाजिक व्यवस्था भी बढ़ानी होगी ताकि, देश की जनता इन बुराइयों को समझ सकें और इन्हें दूर कर सकें। दहेज प्रथा धीरे-धीरे देश के सभी राज्यों में सभी वर्गों में फैल रही हैं और अब उसके साथ लेन-देन की बुराई भी जुड़ गई है। मैंने शुरू में कहा कोई भी बुराई केवल कानूनों के द्वारा दूर नहीं की जा सकती है। और इसके लिए लोक जागृति पैदा करना जरूरी है। महोदय हमारे देश में बाल-विवाह को रोकने के लिए कानून है, लेकिन हम जानते हैं कि हर वर्ष और खासतौर से एक निश्चित तिथि में हजारों बाल-विवाह देश में होते हैं। सरकार को न तो इसकी पूरी जानकारी है न दोषियों को सजा ही मिलती है, इसलिए केवल कानून बनाकर बैठ जाना ठीक नहीं है। सरकार को भी समय-समय पर इस बात का ख्याल रखना होगा कि कानून का पालन हो रहा है या नहीं। जो लोग कानून का उलंघन करते हैं उन्हें दंडित करना जरूरी है। इस तरह की बुराइयों को समाप्त करने के लिए हमें जनता के बीच जाकर उदाहरण प्रस्तुत करना होगा और घर-घर जाकर लोगों को इस तरह की बुराई के बारे में बताना होगा उसके दुष्प्रभावों से उन्हें अवगत करना होगा। अगर इन बुराइयों को दूर नहीं किया गया तो देश का विकास कभी-भी नहीं हो सकेगा। इस कार्य के लिए हमें ऐसे कार्यकर्ताओं की जरूरत है जो देश प्रेम की भावना से आगे ब़ढ़कर का कर सके।
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