eng
competition

Text Practice Mode

बंसोड कम्‍प्‍यूटर टायपिंग इन्‍स्‍टीट्यूट मेन रोड़ गुलाबरा छिन्‍दवाड़ा म0प्र0 मो.नं.8982805777

created Sep 15th 2021, 01:22 by SARITA WAXER


0


Rating

169 words
31 completed
00:00
बसंत का सुहाना मौसम था। सर्दी की ऋतु बीत चुकी थी और गर्मियां अभी शुरू नहीं हुई थीं। एक बच्‍चा नदी किनारे टहल रहा था कि अचानक उसका तैरने का मन हुआ। उसने कपड़े उतारकर किनारे पर रखे और नदी में कूद गया। पानी में उतरते ही उसे महसूस हुआ कि पानी बहुत ठंडा है। यदि इसमें कुछ देर और रहा तो ठंड लग जाएगी। इसलिए उसने जल्‍दी से बाहर निकलना चाहा, लेकिन नदी उस समय अपने उफान पर थी और उसे अपने साथ बहाए लिये जा रही थी। लड़के ने बाहर निकलने की बहुत कोशिश की पर निकल नहीं पा रहा था। वह जोर-जोर से चिल्‍लाने लगा, बचाओ, बचाओ! मैं डूब रहा हूँ। नदी के पास से एक व्‍यक्ति गुजर रहा था। वह बोला, मूर्ख बालक! तुम्‍हें समझ होनी चाहिए कि यह तैराकी का मौसम नहीं है। यदि तुम्‍हारे माता-पिता तुम्‍हें ऐसे तैरता हुआ देखते तो कितना नाराज होते, इसका तुम्‍हें अंदाजा भी नहीं है। बच्‍चा बोला, अंकल पहले मुझे बाहर निकालो, फिर ऐसी गलती नहीं करुंगा।  

saving score / loading statistics ...