Text Practice Mode
साँई कम्प्यूटर टायपिंग इंस्टीट्यूट गुलाबरा छिन्दवाड़ा (म0प्र0) संचालक:- लकी श्रीवात्री मो0नां. 9098909565
created Apr 6th 2021, 12:34 by sandhya shrivatri
2
166 words
11 completed
0
Rating visible after 3 or more votes
00:00
तीन चोर थे एक दिन उन्होंने एक धनी व्यापारी के यहां चोरी की। चोरी करने के बाद वे एक घने जंगल में गए और उस धन को आपस में बांटने लगे। लेकिन उन्हें बड़े जोरो की भूख भी लगी थी। इसलिए उन्होंने आपस में सलाह की कि पहले भोजन की व्यवस्था की जाए, उसके बाद धन बाटेगे। तब उनमें से एक चोर भोजन लेने के लिए शहर चला गया। वह चोर शहर से भोजन खरीद लाया। लेकिन उसने उन दोनों के भोजन में जहर मिला दिया ताकि अकेला सारी दौलत हो हड़प सके। उधर जंगल में रूके हुए दोनों चारों ने भी एक योजना बनाई। वे एक पेड़ के पीछे छिप गए। जब उनका साथी खाना लेकर आया तो उन्होंने उस पर प्रहार कर उसे मार दिया। फिर वे खुशी-खुशी उसके द्वारा लाया गया भोजन खाने लगे। विषैला भोजन खाते ही उनकी हालत बिगड़ गई। शीघ्र ही वे भी मौत की गोद में सो गए। इस तरह वे तीनों अपने दुष्कमों के शिकार बन गए।
saving score / loading statistics ...