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BUDDHA ACADEMY TIKAMGARH (MP) || ☺ || ༺•|✤आपकी सफलता हमारा ध्येय✤|•༻
created Apr 6th 2021, 05:24 by my home
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जिद्दी लोग ही इतिहास रचते हैं। इतिहास उठा कर देख लीजिये आज तक जिस इंसान ने अपनी जिद को पाला है उसी ने इतिहास रचा है। एक जिद्दी इंसान ही इतिहास रच सकता है। जब-जब दुनिया में बड़े परिवर्तन हुए हैं वो किसी जिद्दी इंसान ने ही किये हैं। जब इंसान के मन में ये जिद आ जाती है तो वो कुछ भी करने को तैयार हो जाता है। साधारण इंसान केवल दुनिया में आते हैं और मर कर चले जाते हैं लेकिन जिद्दी इंसान इतिहास पलटने की ताकत रखता है। वो किसी से नहीं डरता, इतिहास गवाह है कि केवल वही इंसान सफल होते हैं जिनके अंदर कुछ करने की जिद्द आ जाती है।
सरदार भगत सिंह के मां बाप ने उनको कहा कि बेटा तेरी शादी तय हो गयी है। अगले ही दिन एक चिट्ठी लिखकर घर से भाग गये कि मैंने ये शरीर इस देश को दे दिया है। ये किसी एक महिला के लिए नहीं है। ये मेरा शरीर इस भारत मां के लिये है और भारत की स्वतंत्रता के लिये आंदोलन चलाया। उनमें जिद थी इस देश को आजाद कराने, उनमें जिद थी भारत मां पर हुए हर अत्याचार का बदला लेने की।
महात्मा गांधी को साऊथ अफ्रीका में अंग्रेजों ने ट्रेन के डब्बे से उतार दिया था कि तू इस पहले डिब्बे में सफर नहीं कर सकता। गांधी जी ने कहा कि मेरे पास टिकट है तो अंग्रेजों ने कहा कि कुछ भी हो, तू इस पहले डिब्बे में सफर नहीं कर सकता और धक्का देकर ट्रेन से उतार दिया तो गांधी जी ने जवाब दिया कि तुमने तो मुझे केवल ट्रेन से निकाला है, अब मैं तुमको इस देश से निकाल फेकूंगा।
चन्द्रशेखर आजाद ने कहा था कि मेरे जीते जी अंग्रेज तो क्या, अंग्रेजों की गोली भी मुझे छू नहीं सकती। बहुत जिद्दी इंसान थे चन्द्रशेखर, अपने हाथों से खुद को गोली मार ली लेकिन अंग्रेजों को खुद को छूने तक नहीं दिया। ये जिद है ना, ये इंसान में एक अद्भुत ताकत भर देती है। एक आम इंसान वो सब सोच भी नहीं सकता जो ये जिद्दी इंसान कर गुजरते हैं। जिंदगी में सफल होना है तो जिद पालिये।
सरदार भगत सिंह के मां बाप ने उनको कहा कि बेटा तेरी शादी तय हो गयी है। अगले ही दिन एक चिट्ठी लिखकर घर से भाग गये कि मैंने ये शरीर इस देश को दे दिया है। ये किसी एक महिला के लिए नहीं है। ये मेरा शरीर इस भारत मां के लिये है और भारत की स्वतंत्रता के लिये आंदोलन चलाया। उनमें जिद थी इस देश को आजाद कराने, उनमें जिद थी भारत मां पर हुए हर अत्याचार का बदला लेने की।
महात्मा गांधी को साऊथ अफ्रीका में अंग्रेजों ने ट्रेन के डब्बे से उतार दिया था कि तू इस पहले डिब्बे में सफर नहीं कर सकता। गांधी जी ने कहा कि मेरे पास टिकट है तो अंग्रेजों ने कहा कि कुछ भी हो, तू इस पहले डिब्बे में सफर नहीं कर सकता और धक्का देकर ट्रेन से उतार दिया तो गांधी जी ने जवाब दिया कि तुमने तो मुझे केवल ट्रेन से निकाला है, अब मैं तुमको इस देश से निकाल फेकूंगा।
चन्द्रशेखर आजाद ने कहा था कि मेरे जीते जी अंग्रेज तो क्या, अंग्रेजों की गोली भी मुझे छू नहीं सकती। बहुत जिद्दी इंसान थे चन्द्रशेखर, अपने हाथों से खुद को गोली मार ली लेकिन अंग्रेजों को खुद को छूने तक नहीं दिया। ये जिद है ना, ये इंसान में एक अद्भुत ताकत भर देती है। एक आम इंसान वो सब सोच भी नहीं सकता जो ये जिद्दी इंसान कर गुजरते हैं। जिंदगी में सफल होना है तो जिद पालिये।
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