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डे़थ प्रोटोकॉल जारी है
created Jan 27th 2021, 11:28 by soni51253
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अस्पताल में लाश जब पूरी तरह से अकड़ गई तो उसने करवट बदली। अचानक वह लुढ़ककर नीचे गिर गई। उस समय शूर्पणखा अपनी नाइट ड्यूटी दे रही थी। अपने ड्यूटी रूम से वह गगनभेदी आवाज में चिल्लाई- मजाक बना रखा है हॉस्पिटल को? लाश बड़ी मुश्किल से संभली, फिर मिमियाकर कहा- मुझे इस हॉस्पिटल से बाहर निकालने का उपाय बताओ! मैं अब डिस्चार्ज होना चाहती हूं। शूर्पणखा ने कहा- जिंदा लाश को डिस्चार्ज होने के लिए छत्तीस प्रकार के फार्म भरने होंगे और कई तरह की ऑनलाइन परीक्षाएं देनी पड़ेंगी। मरी लाश को 18 प्रकार के फार्म भरने पड़ेगे। यह बताना पड़ेगा कि लाश आखिर कौन से रोग से मरने की इच्छा रखती है। यह भी बताना पड़ेगा कि वह सीधे अपने घर जाना चाहेगी या फिर श्मशान घाट! सीधे श्मशान घाट जाने वाली लाश को कोरोना के नियमानुसार छूट देने का रिवाज स्थापित हो गया है। इसके लिए लाश को सीधा हाइपक्लोराइट का छींटा मारकर पॉली पेपर में पैक करके सीधा श्मशान घाट पहुंचा दिया जाएगा। लाश को यह एफिडेविट भरना होगा कि वह कोरोना डेथ प्रोटोकॉल का ठीक से पालन करेगी। अगर कोई लाश कोरोना डेथ प्रोटोकॉल का उल्लंघन करेगी तो उसके साथ कड़ी कार्यवाही की जाएगी। गैलरी में इधर-उधर पड़ी कई लाशें यह बात सुनकर संपूर्ण लाश हो जाने में ही अपनी भलाई समझने लगी। एक लाश ने निवेदन किया- मुझे श्मशान घाट जाने से पहले अंतिम बार अपने घर की दहलीज देखने की इच्छा है। शूर्पणखा ने कंधे पर लटके बेताल को मास्क ठीक से लगाने का आदेश दिया। फिर गगनभेदी आवाज में दहाड़ते हुए कहा- बोला न, इसके लिए तुम्हें 18 प्रकार के दस्तावेज भरने पड़ेंगे। फिर डेढ़ महीने तक मोर्चरी में पड़ी कई लाशों के बीच रहकर घर जाने कि हिम्मत पैदा करनी पड़ेगी। पोस्टमार्टम संस्कार भी संपन्न किया जाएगा। उसके बाद पुलिस से छूटने की जिम्मेदारी स्वंय तुम्हारी होगी। सारी लाशें इस गगनभेदी वाणी को सुनते हुए कोरोना काल के अधिनियमों को मास्क लगाकर आत्मसात कर रही थी।
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