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BUDDHA ACADEMY TIKAMGARH (MP) || ☺ || ༺•|✤आपकी सफलता हमारा ध्येय✤|•༻
created Jan 27th 2021, 03:58 by DeendayalVishwakarma
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किसी गांव में एक मशहूर मूर्तिकार था। उनकी मूर्तियां असली दिखती थीं। एक दिन उन्होंने एक सपना देख कि पंद्रह दिनों के बाद उनकी मृत्यु हो जाएगी। यमदूत आकर उनको ले जाएंगे। मूर्तिकार ने स्वयं को मृत्यु से बचाने के लिए हू ब हू अपने जैसी नौ मूर्तियां तैयार की। 15वें दिन उन्होंने महसूस कर लिया कि यमदूत उनको लेने आ रहे हैं। वह अपनी बनाई नौ मूर्तियों के बीच खड़े हो गए। यमदूत पहचान ही नहीं पाए कि इनमें से असली कौन है। उन्होंने सभी को अच्छी तरह देख लिया, लेकिन मूर्तिकार को नहीं पहचान पाए। उन्होंने सोचा कि अगर यह मूर्तिकार को नहीं ले गए तो यमराज से बहुत डांट पड़ेगी। वह बार बार प्रयास करते रहे, लेकिन कोई ऐसा संकेत नहीं मिला कि वो मूर्तिकार को तलाश सके।
थक हारकर यमदूत ने यमराज के सामने जाकर पूरा मामला सुनाया। यमराज को गुस्सा आ गया और उन्होंने तय किया कि वह स्वयं मूर्तिकार को लेने जाएंगे। यमराज तत्काल पृथ्वीलोक पर पहुंचे और मूर्तिकार को तलाशने लगे। मूर्तिकार पहले से भी सतर्क हो गए और बिना हिले डुले ठीक मूर्तियों की तरह खड़े हो गये। यमराज भी पता नहीं लगा पा रहे थे कि इनमें से असली कौन है।
थक हारकर यमदूत ने यमराज के सामने जाकर पूरा मामला सुनाया। यमराज को गुस्सा आ गया और उन्होंने तय किया कि वह स्वयं मूर्तिकार को लेने जाएंगे। यमराज तत्काल पृथ्वीलोक पर पहुंचे और मूर्तिकार को तलाशने लगे। मूर्तिकार पहले से भी सतर्क हो गए और बिना हिले डुले ठीक मूर्तियों की तरह खड़े हो गये। यमराज भी पता नहीं लगा पा रहे थे कि इनमें से असली कौन है।
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