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BUDDHA ACADEMY TIKAMGARH (MP) || ☺ || ༺•|✤आपकी सफलता हमारा ध्येय✤|•༻
created Jan 25th 2021, 10:47 by SubodhKhare1340667
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आवेदिका एवं अनावेदक के द्वारा संयुक्त रूप से राजीनामा आवेदन पत्र इस आशय का प्रस्तुत किया है कि आवेदिका ने अनावेदक से अपने भरण पोषण जीवन निर्वाह आदि के एवज में एक मुश्त राशि प्राप्त कर ली है। उभयपक्ष ने उनके मध्य स्वेच्छया, बिना किसी दबाव के आपसी सहमति से राजीनामा होना व्यक्त किया है। अस्तु राजीनामा के आधार पर प्रकरण समाप्त किये जाने की प्रार्थना की।
उभयपक्ष को सुना गया। प्रकरण व आवेदन पत्र का अवलोकन किया गया। प्रकरण के अवलोकन से परिलक्षित होता है कि प्रस्तुत प्रकरण आवेदिका द्वारा अनावेदक धीरज कुशवाहा के विरूद्ध भरण पोषण की राशि प्राप्त करने बाबत आवेदन पत्र पेश किया है। उभयपक्ष ने संयुक्त रूप से आवेदन पत्र पेश कर राजीनामा करना व्यक्त किया है। राजीनामा में भी उभयपक्ष ने स्वेच्छया पूर्वक बिना किसी दबाव के राजीनामा करना व्यक्त किया है। आवेदिका श्रीमती मीना कुशवाहा की पहचान अधिवक्ता श्री देवशरण पंडा द्वारा की गई। अनावेदक की पहचान श्री जितेन्द्र सिंह राणा अधिवक्ता द्वारा की गई। राजीनामा स्वेच्छा पूर्वक बिना किसी दबाव के एवं विधि अनुरूप होना पाते हुये आवेदन पत्र वास्ते राजीनामा किये जाने बाबत स्वीकार किया जाकर आदेश दिया जाता है कि उभयपक्ष के मध्य आपस में राजीनामा हो गया है। राजीनामा के आधार पर आवेदिका द्वारा प्रस्तुत भरण पोषण का आवेदन पत्र निरस्त किया जाता है। प्रकरण में अब कार्यवाही होना शेष न होना पाते हुये प्रकरण का परिणाम दर्ज कर प्रकरण दाखिल रिकार्ड किया जाता है।
प्रकरण में फरियादी क्रांती साहू के खात्मा प्रतिवेदन के संबंध में कथन लिपिबद्ध किये गये हैं। फरियादी द्वारा प्रकट किया गया है कि दरमियानी रात वह दर्शन कॉलानी स्थित अपने घर पर अपने बच्चों के साथ छत पर सो रही थी, नीचे कमरों का ताला लगा हुआ था जब वह सुबह 6 बजे उठी तो नीचे आकर देखा, तो उसे पता चला कि कमरे के ताले टूटे हुये हैं।
उभयपक्ष को सुना गया। प्रकरण व आवेदन पत्र का अवलोकन किया गया। प्रकरण के अवलोकन से परिलक्षित होता है कि प्रस्तुत प्रकरण आवेदिका द्वारा अनावेदक धीरज कुशवाहा के विरूद्ध भरण पोषण की राशि प्राप्त करने बाबत आवेदन पत्र पेश किया है। उभयपक्ष ने संयुक्त रूप से आवेदन पत्र पेश कर राजीनामा करना व्यक्त किया है। राजीनामा में भी उभयपक्ष ने स्वेच्छया पूर्वक बिना किसी दबाव के राजीनामा करना व्यक्त किया है। आवेदिका श्रीमती मीना कुशवाहा की पहचान अधिवक्ता श्री देवशरण पंडा द्वारा की गई। अनावेदक की पहचान श्री जितेन्द्र सिंह राणा अधिवक्ता द्वारा की गई। राजीनामा स्वेच्छा पूर्वक बिना किसी दबाव के एवं विधि अनुरूप होना पाते हुये आवेदन पत्र वास्ते राजीनामा किये जाने बाबत स्वीकार किया जाकर आदेश दिया जाता है कि उभयपक्ष के मध्य आपस में राजीनामा हो गया है। राजीनामा के आधार पर आवेदिका द्वारा प्रस्तुत भरण पोषण का आवेदन पत्र निरस्त किया जाता है। प्रकरण में अब कार्यवाही होना शेष न होना पाते हुये प्रकरण का परिणाम दर्ज कर प्रकरण दाखिल रिकार्ड किया जाता है।
प्रकरण में फरियादी क्रांती साहू के खात्मा प्रतिवेदन के संबंध में कथन लिपिबद्ध किये गये हैं। फरियादी द्वारा प्रकट किया गया है कि दरमियानी रात वह दर्शन कॉलानी स्थित अपने घर पर अपने बच्चों के साथ छत पर सो रही थी, नीचे कमरों का ताला लगा हुआ था जब वह सुबह 6 बजे उठी तो नीचे आकर देखा, तो उसे पता चला कि कमरे के ताले टूटे हुये हैं।
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