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बंसोड कम्‍प्‍यूटर टायपिंग इन्‍स्‍टीट्यूट मेन रोड़ गुलाबरा छिन्‍दवाड़ा प्रवेश प्रारंभ मो0नं0 8982805777 प्रो.सचिन बंसोड

created Jan 23rd 2021, 03:31 by bansodtyping


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जिदंगी में ज्ञान ही वह चीज है, जो आपको सही और गलत का फर्क कराता है। बिना किसी भी चीज के ज्ञान के आप जिंदगी में किसी भी चीज को नहीं परख सकते। एक नगर में जौहरी का परिवार रहता था।  जौहरी के निधन के बाद उसके परिवार को आर्थिक संकट से गुजरना पड़ा। परिवार के पास खाने के लिए भी पैसे नहीं थे। अंत में जौहरी की पत्‍नी ने अपना नीलम का एक हार बेचने की सोची। उसने अपने बेटे से कहा कि बेटा यह हार लेकर चाचा जी की दुकान पर जाना और बेचकर कुछ पैसे ले आना। बेटा उस हार को चाचा जी के पास लेकर गया। उसके चाचा जी ने समझाया, अभी बाजार में मंदी है, अभी इस हार को मत बेचो। तुम कल से रोज दुकान पर आकर काम सीख सकते हो। अगले दिन से वह लड़का रोज दुकान पर जाने लगा और वहां हीरे-रत्‍नों की परख का काम सीखने लगा। एक दिन वह बड़ा पारखी बन गया और लोग दूर-दूर से अपने हीरे की परख कराने आने लगे। कुछ दिनों बाद उसके चाचा ने उसे वह नीलम का हार लेकर आने को कहा। लड़के ने जब घर पर रखा हार देखा तो वह समझ गया कि यह हार नकली है। लड़का वह हार घर पर छोड़ गया। चाचा ने पूछा, हार नहीं लाए? उसने कहा, वह तो नकली था। तब चाचा ने कहा- जब तुम पहली बार हार लेकर आए थे, तब मैं उसे नकली बता देता तो तुम सोचते कि कोई तुम्‍हारे बुरे वक्‍त में काम नहीं रहा और तो चाचा हमारी चीज को भी नकली बताने लगे। लेकिन अब ऐसा नहीं है। अब तुम्‍हें रत्‍नों की परख हो गई है। आज जब तुम्‍हें खुद ज्ञान हो गया, तो पता चल गया कि हार सचमुच नकली है। इसलिए आप भी अंधकार में रहकर किसी चीज की परख नहीं कर सकते। इसलिए हमें हमेशा ज्ञान अर्जित करना चाहिए, जिससे हम कभी भी धोखा खाएं।  

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