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बंसोड टायपिंग इन्स्टीट्यूट गुलाबरा छिन्दवाड़ा न्यू बैच प्रारंभ मो. 8982805777
created Oct 22nd 2020, 02:20 by SARITA WAXER
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चुनावी रैलियों में मास्क-सोशल डिस्टेंसिंग जैसे नियमों की अनदेखी और भीड़ पर अदालत और चुनाव आयोग, दोनों ने सख्ती दिखाई है। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने बेलगाम रैलियों के मद्देनजर कांग्रेस नेता कमलनाथ और भाजपा नेता व केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं। हाईकोर्ट ने ऐसी रैलियों पर सख्त टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा संविधान ने उम्मीदवार और मतदाता दोनों को अधिकार दिए हैं। उम्मीदवार को चुनाव प्रचार का अधिकार है, तो लोगों को जीने और स्वस्थ रहने का हक है। उम्मीदवार के अधिकार से बड़ा लोगों के स्वस्थ रहने का अधिकार है। मध्यप्रदेश की ग्वालियर हाईकोर्ट की डबल बेंच ने दतिया के भांडेर में कमलनाथ और ग्वालियर में नरेंद्र तोमर की रैली को अपने आदेश का आधार बनाया। इन रैलियों में कोरोना-19 की गाइडलाइन के उल्लंघन को लेकर एडवोकेट आशीष प्रताप सिंह ने याचिका दाखिल की थी। ग्वालियर और दतिया कलेक्टर से दो दिन में रिपोर्ट भी मांगी है। जस्टिस शील नागू और जस्टिस राजीव कुमार श्रीवास्तव की बेंच ने आदेश में कहा राजनीतिक दलों की वर्चुअल मीटिंग अगर नहीं हो पा रही है तो ही सभा और रैलियां हो सकेंगी। इसके लिए चुनाव आयोग की इजाजत लेनी होगी। मौजूदा हालात में राजनेताओं को लोगों के लिए उदारता दिखानी चाहिए थी, लेकिन उनके व्यवहार से ऐसा नजर नहीं आ रहा। सभाओं में सुरक्षित शारीरिक दूरी का पालन नहीं हो रहा है। पार्टियों को रैली और सभाओं के लिए इजाजत लेनी होगी। ये भी बताना होगा कि वर्चुअल सभा क्यों नहीं हो सकती है। कलेक्टर अगर जवाब से संतुष्ट होते हैं तो ऑर्डर पास करेंगे और मामला चुनाव आयोग को भेजा जाएगा। आयोग की मंजूरी के बाद ही सभाएं हो सकेंगी। आयोग सभा में जितने लोगों को शामिल होने की मंजूरी देगा, उतने लोगों के मास्क व सैनिटाइजर पर होने वाले खर्च की दोगुनी राशि कैंडिडेट को कलेक्ट्रेट में जमा कराना होगी। शपथ पत्र देना होगा, जिसमें हर व्यक्ति को मास्क और सैनेटाइजर उपलब्ध कराए जाने की बात लिखी हो और यह भी कि सभा की मंजूरी लेने वाला ही जवाबदेह होगा।
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