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BUDDHA ACADEMY TIKAMGARH (MP) || ☺ || ༺•|✤आपकी सफलता हमारा ध्‍येय✤|•༻

created Oct 19th 2020, 12:09 by subodh khare


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बुरी आदतों को अपनाना बहुत आसान है, जैसे कि बहुत सारी मिठाई या बहुत खाना खाने या किसी भी तरह के तरल पदार्थ को बहुत मात्रा में पीना या धूम्रपान करना। जितना अधिक हम कोई कार्य करते हैं, उतना ही हम इसे करना पसंद करते हैं, और अगर हम इसे जारी नहीं रखते हैं तो अप्रसन्‍न महसूस करते हैं। इसे आदत की शक्ति कहा जाता है और इस आदत की शक्ति के खिलाफ लड़ा जाना चाहिए। आदतें जो समय-समय पर बहुत अच्‍छी हो सकती हैं, जब प्राय: और अत्‍यधिक की जाती है तो वे हानिकारक हो जाती हैं। यह बात काम या आराम जैसी अच्‍छी आदतों पर भी लागू होती है। बहुत से लोग अत्‍यधिक कार्य करने की बुरी आदत अपनाते हैं और दूसरे अत्‍यधिक सुस्‍त रहने की आदत अपनाते हैं। बुद्धिमान व्‍यक्ति सदैव यह याद करता है कि उसके लिये क्‍या सही है तथा बुरी आदतों को अपनाने से स्‍वयं को रोकता है। बुद्धिमान व्‍यक्ति हमेशा याद करता है कि मैं सुस्‍त हो रहा हूं या मैं कई मिठाई खाना पसंद करता हूं। या मैं अत्‍यधिक धूम्रपान करता हूं और आगे कहता है मैं खुद को बुरी आदत से एक बार में निकाल लूंगा।
    इन बुरी आदतों में तम्‍बाकू के उपयोग का व्‍यापक रूप से फैलाव है। अब पुरूषों, महिलाओं और यहां तक कि बच्‍चों द्वारा भी दुनिया भर में तम्‍बाकू का उपयोग धूम्रपान या चबाकर किया जाता है। इसे चार शताब्दियों पहले सर वाल्‍टर रालेघ द्वारा यूरोप में अमेरिका से लाया गया था और वहां से यह हर जगह फैल गया। इस आदत में कुछ भी अच्‍छा होने के संबंध में मुझे अत्‍यधिक संदहे है, भले ही तम्‍बाकू का अत्‍यधिक उपयोग किया जाये और यदि एक बार यह आदत पड़ जाये तो उससे छुटकारा पाना अत्‍यधिक कठिन है।
    

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