eng
competition

Text Practice Mode

साँई टायपिंग इंस्‍टीट्यूट गुलाबरा छिन्‍दवाड़ा (म0प्र0) संचालक:- लकी श्रीवात्री मो0नं. 9098909565

created Oct 19th 2020, 06:52 by Sai computer typing


3


Rating

199 words
0 completed
00:00
एक समय की बात है एक शरीफ आदमी था। उसके पास एक बंदर था, वह बंदर के जरिए अपनी आजीविका कमाता था। बंदर कई तरह के करतब लोगों को दिखाता था। लोग उस पर पैसे फेंकते थे, जिसे बंदर इकट्टा करके अपने मालिक को दे देता था। ए‍क दिन मालिक बदर को चिडि़याघर लेकर गया, बंदर ने वहां पिंजरे में एक और बंदर देखा। लोग उसे देख-देख कर खुश हो रहे थे तथा उसे खाने को फल बिस्किट इत्‍यादि दे रहे थे। बंदर ने सोचा कि पिंजरे में रहकर भी यह बंदर कितना भाग्‍यवान है, बिना किसी परिश्रम के ही इसे खाना-पीना मिल जाता है।  
उस रात वह  बंदर भी भाग कर चिडियाघर में रहने पहुंच गया, उसे मुक्‍त का खाना और आराम बहुत अच्‍छा लगा। पर कुछ दिनों में ही बंदर का मन भर गया। उसे अपनी स्‍वतत्रता की या‍द आने लगी, अपनी आजादी वापस चाहता था। वह फिर चिडियाघर से भाग कर अपने मालिक के पास पहुंच गया। उसे मालूम हो गया की रोटी कमाना कठिन होता है, किंतु आश्रित होकर पिंजरे में कैद रहना उससे भी कठिन है। अपने पौरूष से ही मनुष्‍य की महानता है, मुफ्त की चीजें लोगों को निक्‍कमा बना देती है।  

saving score / loading statistics ...